- शिकायतों के बाद बड़ा फैसला
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मुंबई।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बहुचर्चित और विवादास्पद क्लीन-अप मार्शल योजना (Clean up Marshall plan) को अप्रैल 2025 तक समाप्त करने का फैसला किया है। ठोस कचरा प्रबंधन विभाग ने इस योजना को बंद करने का प्रस्ताव नगर आयुक्त भूषण गगरानी को सौंपा है। गगरानी ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि बीएमसी इस योजना को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करेगी।
मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप
एक वरिष्ठ बीएमसी अधिकारी ने बताया कि नागरिकों और वार्ड कार्यालयों से मार्शलों की मनमानी और भ्रष्टाचार को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। नियमों के अनुसार, मार्शलों को सिर्फ कचरा उचित तरीके से फेंकने की हिदायत देने की अनुमति है, लेकिन वे मामूली गलती पर भी जुर्माना लगा रहे थे। कई बार बिना रसीद के भी वसूली की जा रही थी, जिससे पुलिस तक को इस संबंध में शिकायतें मिली थीं।
नई उपनियमों के तहत होगा बदलाव
बीएमसी अब ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नए उपनियम तैयार कर रही है, जिसमें संशोधित दंड संरचना भी शामिल होगी। एक अधिकारी के अनुसार, "चूंकि नए उपनियम में कचरा प्रबंधन से जुड़े दंड का प्रावधान होगा, इसलिए वर्तमान योजना को बंद कर नई व्यवस्था लागू की जाएगी।"
बार-बार बंद और शुरू हुई योजना
गौरतलब है कि 2009 में शुरू हुई क्लीन-अप मार्शल योजना को कई बार बंद और दोबारा शुरू किया गया। हाल ही में 2024 में इसे फिर से लागू किया गया था। इससे पहले, कोविड-19 महामारी के दौरान इसे मास्क न पहनने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए बहाल किया गया था, लेकिन बाद में इसके दुरुपयोग की शिकायत आने लगीं। हाल ही में हुई बैठक में बीएमसी ने अनुबंध के अनुसार पर्याप्त स्टाफ न रखने के लिए मार्शल एजेंसियों पर 64 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।