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नागपुर।
औरंगजेब की कब्र के मुद्दे पर 17 मार्च को भड़की हिंसा के बाद नागपुर (Nagpur) शहर के अधिकांश इलाकों में शांति लौट आई है। गुरुवार को नागपुर शहर के नंदनवन और कपिल नगर पुलिस सीमा में कर्फ्यू हटा लिया गया। नागपुर पुलिस के अनुसार, लकड़गंज, पांचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, इमामबाड़ा और यशोधरा नगर पुलिस सीमा में नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए दोपहर 2 से 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जाएगी। अगले आदेश तक कोतवाली, गणेशपेठ और तहसील पुलिस स्टेशन की सीमा में कर्फ्यू लागू रहेगा। इससे पहले, महाराष्ट्र पुलिस के साइबर सेल ने गुरुवार को कहा था कि नागपुर हिंसा के एक आरोपी ने वीडियो एडिट करके प्रसारित किया और सोशल मीडिया पर हिंसा को बढ़ चढ़कर बताया जिसके कारण शहर के विभिन्न हिस्सों में दंगे फैल गए।
साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) लोहित मतानी ने बताया, 'उसने (फहीम खान) औरंगजेब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के वीडियो को एडिट करके प्रसारित किया, जिसके कारण दंगे फैल गए। उसने हिंसक वीडियो को बढ़चढ़कर बताया। पुलिस ने सोमवार रात को नागपुर में हुए दंगों के सिलसिले में चार एफआईआर दर्ज की हैं। मतानी ने कहा, "चार एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली एफआईआर यह है कि औरंगजेब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के वीडियो को एडिट करके प्रसारित किया गया और वीडियो में हिंसा का महिमामंडन किया गया। दूसरी एफआईआर हिंसा के बारे में क्लिप बनाने और उन्हें फैलाने के बारे में है ताकि दो समुदायों के बीच हिंसा हो। तीसरी पोस्ट कई पोस्ट की गई, जिससे हिंसा और भड़क गई।"
आरोपी फहीम खान को 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया उसे शुक्रवार 21 मार्च तक हिरासत में रखा गया है। खान माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडी) का नेता है। दंगों के संबंध में पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। नागपुर पुलिस ने 17 मार्च को भड़की हिंसक झड़पों के बाद सात नाबालिगों सहित 50 लोगों को गिरफ्तार किया है, बुधवार को एक अधिकारी ने बताया। हिंसा की जांच के बाद ये गिरफ्तारियां की गईं, इस दौरान सीसीटीवी कैमरे भी क्षतिग्रस्त किए गए। अधिकारी कथित मास्टरमाइंड की संलिप्तता की जांच कर रहे हैं और हिंसा की ओर ले जाने वाली घटनाओं के क्रम का आकलन कर रहे हैं।