(Image Source : Internet/ Representative)
नागपुर:
छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अफजल खान को मारने के लिए इस्तेमाल किए गए पौराणिकबाघनखे सातारा के छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय में सात महीने तक प्रदर्शित रहने के बाद नागपुर लाए गए हैं।
लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय में रखे गए बाघ के पंजों को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए भारत वापस लाया गया। बाघनखे का प्रदर्शन 19 जुलाई 2024 से सातारा में किया जाएगा। रविवार की सुबह, कड़ी सुरक्षा के बीच आधिकारिक तौर पर सातारा से नागपुर के केंद्रीय संग्रहालय में स्थानांतरित कर दिया गया। विक्टोरिया एवं अल्बर्ट संग्रहालय के ब्रिटिश अधिकारियों तथा पुरातत्व विभाग की एक विशेष टीम ने इस स्थानांतरण की निगरानी की।
सात महीने तक नागपुर में प्रदर्शनी
नागपुर में छत्रपति शिवाजी महाराज के अनुयायियों को 1 फरवरी से 2 अक्टूबर 2025 तक बाघनखे देखने का अवसर मिलेगा। इसके बाद उन्हें कोल्हापुर ले जाया जाएगा, जहां वे 3 अक्टूबर, 2025 से 3 मई, 2026 तक प्रदर्शित रहेंगे।
बाघ के पंजे भारत लाने का निर्णय
1659 में प्रतापगढ़ में अफजल खान पर शिवाजी महाराज की विजय मराठा इतिहास में एक निर्णायक क्षण है। उनके राज्याभिषेक की 350 वीं वर्षगांठ के अवसर पर, महाराष्ट्र सरकार ने इंग्लैंड से बाघनखे वापस लाने का निर्णय लिया। हालाँकि, समझौते की शर्तों के कारण, इस बाघ के पंजे को सभी जिलों में प्रदर्शित नहीं किया जा सकता, इसे केवल सातारा, नागपुर और कोल्हापुर में ही प्रदर्शित किया जा सकता है।