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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने एबीपी माझा के कार्यक्रम ‘माय विज़न’ में बोलते हुए विदर्भ को लेकर बड़ा राजनीतिक वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि विदर्भ के विकास का बैकलॉग मौजूदा संरचना में भरना संभव नहीं है, इसलिए भविष्य में अलग विदर्भ का निर्माण अनिवार्य है। वडेट्टीवार के अनुसार विदर्भ की सामाजिक संरचना में ओबीसी, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज की बड़ी हिस्सेदारी है, लेकिन सत्ता में उनकी भागीदारी बेहद कम रही है। “जब तक सत्ता में हिस्सेदारी नहीं बढ़ेगी, तब तक विदर्भ को न्याय नहीं मिल सकता,” उन्होंने जोर देते हुए कहा। इसलिए विदर्भ को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग उन्होंने दोहराई।
"सरकार को पहले परीक्षा देनी चाहिए, पास होने लायक भी काम नहीं"
राज्य सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं बची है। “सरकार अगर खुद को नंबर देना चाहती है, तो पहले परीक्षा दे। उनका काम पास होने लायक भी नहीं है,” उन्होंने तंज कसा। मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका ध्यान महाराष्ट्र से ज्यादा दिल्ली पर है, जिसके चलते राज्य उपेक्षित हो रहा है। वडेट्टीवार ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री खुद विदर्भ से होने के बावजूद युवाओं को पुणे, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु की तरफ क्यों जाना पड़ रहा है? उन्होंने महा-मुंबई परियोजना और विदर्भ बैकलॉग के लिए दिए गए पैसों के बीच भारी अंतर पर भी सवाल खड़े किए।
समाज आधारित संस्थाओं में फंड वितरण पर सवाल
वडेट्टीवार ने राज्य में अलग-अलग सामाजिक समुदायों के लिए बनाई गई चार निगमों—तरटी, बरटी, महाज्योति और सारथी—के फंड वितरण प्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब ओबीसी आबादी 40–45 प्रतिशत है तो उन्हें केवल 300 करोड़ रुपये कैसे मिलते हैं? जबकि मराठा समाज 16 प्रतिशत होने के बावजूद उन्हें भी 300 करोड़ दिए जाते हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय, जो 13 और 9 प्रतिशत हैं, दोनों को समान 300 करोड़ आवंटित किए जाते हैं। “क्या यह ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय नहीं है?” वडेट्टीवार ने तल्ख स्वर में प्रश्न उठाया। उनके अनुसार विदर्भ का बैकलॉग कम करने का एकमात्र समाधान अलग विदर्भ राज्य है।
“मैं जेल जाऊंगा, पर बीजेपी में नहीं जाऊंगा”—वडेट्टीवार का दृढ़ संकल्प
राज्य की राजनीति में चल रही हलचल के बीच वडेट्टीवार ने अपने राजनीतिक रुख को स्पष्ट किया। भाजपा में शामिल होने की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “मैं जेल चला जाऊंगा, लेकिन बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग सरकार की आलोचना करते हैं, उनको बदनाम करने के लिए गैंग सक्रिय हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वे कई वर्षों से विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं और किसी पद या लाभ की लालसा में नहीं हैं। “अभी मैं किसी जाल में नहीं हूँ, कोई मुझे पकड़ नहीं सकता,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी नए षड्यंत्र में जांच एजेंसियों का इस्तेमाल हुआ तो कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन दल-बदल करने वालों की सूची में उनका नाम कभी नहीं आएगा। वडेट्टीवार के इस बयान से राज्य की राजनीति में नई चर्चा छिड़ गई है।