आधार की सुरक्षा अब और पुख्ता! UIDAI ने सत्यापन के लिए अनिवार्य की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

08 Dec 2025 15:43:18
 
Aadhaar security UIDAI
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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
आधार (Aadhaar) के दुरुपयोग पर रोक लगाने और ग्राहकों की पहचान की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यूआईडीएआई (UIDAI) ने एक बड़ा कदम उठाया है। नए नियम के तहत अब होटल, इवेंट आयोजकों सहित वे सभी संस्थान जो आधार का उपयोग ग्राहक सत्यापन के लिए करते हैं, उन्हें यूआईडीएआई में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। अक्सर आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करने और उसे संग्रहित रखने की प्रथा ने कई बार दुरुपयोग की आशंका पैदा की है, जो आधार अधिनियम के भी खिलाफ है। इस नए कदम का उद्देश्य ऐसे कागज़-आधारित सत्यापन को रोकना और आधार डेटा की गोपनीयता को सुरक्षित रखना है।

QR कोड और नई ऐप से होगा तेज़ और सुरक्षित सत्यापन
यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि पंजीकृत संस्थानों को अब नई तकनीक का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी, जिसके जरिए वे QR कोड स्कैन कर या यूआईडीएआई द्वारा विकसित की जा रही नई आधार ऐप के माध्यम से पहचान सत्यापित कर सकेंगे। उन्होंने कहा, “नया नियम मंजूर हो चुका है और जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पेपर-आधारित आधार सत्यापन को हतोत्साहित करना है।” यह ऑफलाइन तकनीक न केवल तेज़ होगी बल्कि सर्वर डाउन होने जैसी स्थितियों में भी प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। जो संस्थान कागज़-आधारित सत्यापन जारी रखना चाहते हैं, उन्हें यूआईडीएआई का एक विशेष API उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे आधार सत्यापन को अपने सिस्टम में शामिल कर सकें। यह नया ऐप ‘ऐप-टू-ऐप’ सत्यापन की सुविधा देगा, जिससे हर अनुरोध के लिए केंद्रीय डेटाबेस से जुड़ने की आवश्यकता नहीं होगी।
 
एयरपोर्ट से दुकानों तक—कई जगह होगा उपयोग, बढ़ेगी निजता की सुरक्षा
यूआईडीएआई के अनुसार यह नई ऐप उन स्थानों पर उपयोग की जा सकेगी, जहां आयु-संबंधित या पहचान-आधारित सत्यापन की आवश्यकता होती है, जैसे हवाई अड्डे, विशेष उत्पाद बेचने वाली दुकानें और अन्य संस्थान। यह ऐप उपयोगकर्ता की गोपनीयता को और अधिक सुरक्षित करेगा और आधार डेटा लीक जैसी घटनाओं को रोकने में मदद करेगा। यह प्रणाली डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDPA) को भी समर्थन देगी, जो अगले 18 महीनों में पूरी तरह लागू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही उपयोगकर्ता आसानी से पता संबंधी दस्तावेज अपडेट कर सकेंगे और उन परिजनों को भी जोड़ सकेंगे जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है। कुल मिलाकर, यह कदम आधार सत्यापन को अधिक आधुनिक, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार साबित होगा।
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