भारत का ईवी बाजार 2030 तक पहुंचेगा 20 लाख करोड़ रुपये : नितिन गडकरी

04 Dec 2025 19:27:41
- तेजी से बढ़ता ईवी सेक्टर और नए अवसर

Nitin GadkariImage Source:(Internet) 
नई दिल्ली।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार को लोकसभा में बताया कि देश का इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) बाजार 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर सकता है। उन्होंने कहा कि इससे देश में पांच करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी। भाजपा सांसद पी.सी. मोदी के प्रश्न का उत्तर देते हुए गडकरी ने बताया कि भारत में फिलहाल 57 लाख ईवी पंजीकृत हैं और वर्ष 2024-25 में ईवी की बिक्री तेजी से बढ़ी है। कार श्रेणी में ईवी बिक्री 20.8% बढ़ी है, जबकि पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री में केवल 4.2% की वृद्धि हुई। दोपहिया ईवी बिक्री में 33% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, वहीं तीन पहिया ईवी की बिक्री 18% बढ़ी। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में 400 से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं, जिनकी संख्या में पिछले साल की तुलना में 21% वृद्धि हुई है।
 
जम्मू-कश्मीर के भंडार बनेगा सहारा
गडकरी ने कहा कि ईवी सेक्टर को मजबूती देने में लिथियम-आयन बैटरी की घटती कीमत बड़ा कारक है। पहले जहां बैटरी की कीमत 150 डॉलर प्रति किलोवॉट-घंटा थी, वहीं अब यह घटकर 55 डॉलर हो गई है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 60 लाख टन लिथियम के भंडार मिले हैं, जो विश्व के कुल भंडार का 6% है। यह उपलब्धि भारत को ईवी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार लिथियम-आयन, सोडियम-आयन, एलुमिनियम-आयन और जिंक-आयन बैटरियों पर भी शोध कर रही है, ताकि आने वाले वर्षों में ईवी तकनीक और सस्ती व टिकाऊ हो सके।

हाइड्रोजन है भविष्य का ईंधन
नितिन गडकरी ने कहा कि भविष्य का ईंधन हाइड्रोजन होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनकर आयातक से निर्यातक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि देश अब भी 22 लाख करोड़ रुपये की जीवाश्म ईंधनों का आयात करता है, जो न केवल आर्थिक बोझ बढ़ाता है बल्कि प्रदूषण भी पैदा करता है। इसलिए सरकार का फोकस बायोफ्यूल और वैकल्पिक ईंधनों पर है। इस बीच, संसद के चौथे दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में ‘हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025’ विचार और पारित करने के लिए पेश किया, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना है।
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