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मुंबई।
भायखला स्थित वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान एवं प्राणिसंग्रहालय रानी बाग (Rani Bagh) से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। पहले शेर ‘शक्ति’ की संदिग्ध मौत की जानकारी सामने आई थी, लेकिन अब पता चला है कि रानी बाग में ही जन्मा तीन वर्षीय बाघ ‘रुद्र’ भी कुछ दिन पहले मर चुका था। रुद्र, शक्ति और करिश्मा का शावक था। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, रुद्र की मौत किसी संक्रमण के कारण हुई, लेकिन मौत का वास्तविक कारण अभी स्पष्ट नहीं है क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों बाघों की मौत का खुलासा देर से हुआ, जिससे संदेह और बढ़ गया है।
प्रशासन पर अविश्वास बढ़ा
सूत्रों का कहना है कि रुद्र की मौत पहले हुई और उसके कुछ दिनों बाद शक्ति बाघ की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। लेकिन दोनों ही घटनाओं की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं लाई गई। इससे यह सवाल उठ रहा है कि आखिर रानी बाग प्रशासन ने दो बाघों की मौत की जानकारी छिपाई क्यों? क्या मौतों के पीछे कोई लापरवाही थी? बीजेपी दक्षिण मुंबई के महासचिव नितिन बनकर ने इस मामले में प्रशासन से तत्काल जवाब मांगा है। उन्होंने कहा है कि रुद्र की मौत पर स्पष्टता न आने पर वे सात दिनों में आंदोलन शुरू करेंगे।
इलाज क्यों नहीं हुआ?
शक्ति बाघ की मौत को लेकर कई तरह के संदेह उभरकर सामने आए हैं। माना जा रहा है कि उसके श्वास नली (ट्रेकिया) के पास हड्डी फंस जाने से उसकी स्थिति गंभीर हो गई थी। लेकिन सवाल यह है कि उसे समय पर उपचार क्यों नहीं दिया गया? रानी बाग में तैनात पशु-चिकित्सा अधिकारियों और प्रशासन की भूमिका पर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। शक्ति की मौत की जानकारी आठ दिनों तक सार्वजनिक न करना भी रहस्य को और गहरा करता है। क्या यह प्रशासन की लापरवाही थी या फिर मौत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई जा रही है?
बाघ प्रेमियों में गुस्सा
दोनों बाघों की मौत को “संदिग्ध” करार देते हुए बाघ प्रेमियों ने रानी बाग प्रशासन और पशु-चिकित्सा अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यदि टाइगर रिजर्व में कोई बाघ मरता है तो अगली ही सुबह वन विभाग इसकी जानकारी जारी करता है, लेकिन यहां आठ दिनों तक मौत की खबर भी नहीं दी गई। इससे पता चलता है कि घटना को जानबूझकर छिपाया गया। साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि शक्ति बाघ के शव का निपटान पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने से पहले ही क्यों कर दिया गया? यह प्रक्रिया नियमों के खिलाफ है और इससे संदेह और गहरा हो रहा है। टाइगर प्रेमियों ने मांग की है कि दोनों मौतों की उच्चस्तरीय जांच कर पूरे मामले का सच सामने लाया जाए।