Image Source:(Internet)
नागपुर।
पेंच टाइगर रिजर्व में कैद में पले दो लंबी-चोंच वाले गिद्ध (Vultures) ने 15 महीने तक जंगली परिस्थितियों में जीवित रहकर देश के संरक्षण प्रयासों को बड़ी मजबूती दी है। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (BNHS) के अनुसार, प्रशिक्षित किए गए 10 गिद्धों में से केवल N01 और N24 ही प्राकृतिक वातावरण में टिक पाए। दोनों का जन्म हरियाणा के पिंजौर ब्रीडिंग सेंटर में हुआ था, जहां से उन्हें छह महीने के प्रशिक्षण के बाद अगस्त 2024 में पेंच से मुक्त किया गया। BNHS ने बताया कि उनकी सफलता यह साबित करती है कि कैद में पले गिद्ध भी जंगल में सफलतापूर्वक सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं।
लंबी यात्रा और प्राकृतिक आहार पर निर्भरता
मुक्ति के बाद दोनों गिद्धों ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के पेंच लैंडस्केप में लंबी दूरी तय की। वे बाघों के शिकार पर निर्भर रहे और जंगल में मिलने वाले अन्य प्राकृतिक खाद्य स्रोतों से अपने जीवन-चक्र को बनाए रखा। भारत में गिप्स प्रजाति के गिद्ध अभी भी गंभीर रूप से संकटग्रस्त स्थिति में हैं और इनकी संख्या मात्र 15,000 से 19,000 के बीच बची है। BNHS अब तक हरियाणा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में 70 से अधिक गिद्धों को जंगल में छोड़ चुका है। N01 और N24 की सफलता इन प्रयासों को नई दिशा और मजबूती देती है।