एबी न्यूज नेटवर्क।
साल 2025 का अंतिम सुपरमून (Supermoon) यानी 'कोल्ड मून' गुरुवार, 4 दिसंबर की रात आसमान में अपने शानदार रूप में दिखाई देगा। यह दुर्लभ खगोलीय घटना इसलिए भी खास है क्योंकि यह मेजर लूनर स्टैंडस्टिल के साथ जुड़ी है एक ऐसा खगोलीय चक्र जो हर 18.6 साल बाद आता है। इस दौरान चंद्रमा उत्तरी गोलार्ध में असामान्य रूप से ऊंचाई पर दिखाई देता है। अगली बार कोई पूर्णिमा इस ऊंचाई तक वर्ष 2042 में ही पहुंचेगी। यह दृश्य 2025 की “सुपरमून ट्रिलॉजी” का अंतिम पड़ाव भी होगा। जैसे-जैसे दुनिया के कई हिस्सों में सर्द हवाएँ दस्तक दे रही हैं, कोल्ड मून अपनी ठंडी, चमकदार आभा के साथ रात के आसमान को और रहस्यमयी बना देगा। दिल्ली में इसे 5 दिसंबर की सुबह 4:44 बजे देखा जा सकेगा।
सूर्यास्त के तुरंत बाद दिखेगा सबसे सुंदर नजारा
खगोलविदों के अनुसार, सुपरमून का सबसे मनमोहक दृश्य सूर्यास्त के तुरंत बाद पूर्व दिशा में चांद के उगने पर दिखाई देता है। इसी दौरान ‘मून इल्युज़न’ प्रभाव के कारण चंद्रमा सामान्य से बड़ा और सुनहरी-नारंगी चमक वाला नज़र आता है। यह वर्ष का सबसे ऊंचा और अंतिम सुपरमून होने के कारण खगोल प्रेमियों में खास उत्साह देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ऐसा मौका है जिसे चूकना नहीं चाहिए क्योंकि अगली बार इस ऊँचाई वाला पूर्ण चंद्रमा देखने के लिए लगभग 17 साल का इंतज़ार करना पड़ेगा।