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नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा सभी मोबाइल फोनों में ‘संचार साथी’ (Sanchar sathi) फ्रॉड-रिपोर्टिंग ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने के आदेश के बाद अब दिग्गज कंपनियां ऐपल और सैमसंग सक्रिय हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, दोनों कंपनियां जल्द ही सरकारी अधिकारियों से मुलाकात कर आदेश में “मध्यम मार्ग” खोजने की कोशिश करेंगी। बताया जा रहा है कि ऐपल फिलहाल इस निर्देश को वर्तमान स्वरूप में लागू करने में सक्षम नहीं है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने 28 नवंबर को आदेश जारी कर कहा था कि सभी नए बने या आयात किए गए फोनों में यह ऐप पहले से मौजूद होना चाहिए और पुराने डिवाइसों में इसे सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से भेजना होगा। आदेश के 90 दिनों बाद बाजार में आने वाले हर फोन में ऐप अनिवार्य होगा, जबकि 120 दिनों के भीतर कंपनियों को अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी है।
निर्देश पर राजनीति गरमाई, खड़गे का हमला
ऐप अनिवार्यता के इस कदम ने राजनीतिक तापमान भी बढ़ा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस निर्देश को जनता की आवाज़ दबाने का प्रयास बताते हुए तीखा हमला बोला। खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार इस कदम के जरिए लोगों की अभिव्यक्ति को “दम घोंटने” की कोशिश कर रही है और इसे एक तरह की अधिनायकवादी प्रवृत्ति बताया। वहीं, तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि ऐप का उद्देश्य डिजिटल फ्रॉड रोकना है, लेकिन इसके लागू होने का तरीका, गोपनीयता और उपयोगकर्ता की सहमति जैसे सवालों पर गंभीर बहस ज़रूरी है।