मेलघाट में शुरू हुई हाथी सफारी, पर्यटकों में उत्साह

20 Dec 2025 14:39:15
 
Elephant safari
 Image Source:(Internet)
अमरावती |
मेलघाट (Melghat) टाइगर रिजर्व (एमटीआर) के कोलकास क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित हाथी सफारी आखिरकार शुरू हो गई है, जिससे पर्यटकों के चेहरे खिल उठे हैं। लंबे इंतज़ार के बाद हाथी सफारी की शुरुआत होने से मेलघाट आने वाले सैलानियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। कोलकास को मेलघाट का ‘स्वर्ग’ कहा जाता है और यह चिखलदरा तथा आसपास के रमणीय स्थलों पर आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र है। खासकर बच्चों और परिवारों के बीच हाथी सफारी बेहद लोकप्रिय मानी जाती है, जो क्रिसमस की छुट्टियों और सप्ताहांत में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है।
 
सुरक्षा कारणों से हुई देरी
परंपरागत रूप से कोलकास में हाथी सफारी हर वर्ष 2 अक्टूबर से शुरू होती है, लेकिन इस वर्ष इसमें असामान्य देरी हुई। दरअसल, मेलघाट के आसपास के आदिवासी इलाकों में बाघों के हमलों की घटनाओं ने स्थिति को गंभीर बना दिया था। इन हमलों में छह ग्रामीणों की जान जाने से क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया था। हालात को देखते हुए वन विभाग ने एहतियातन सफारी को स्थगित रखा। अंततः 15 दिसंबर से दो मादा हाथियों—सुंदरमाला और चंपाकली—के साथ हाथी सफारी शुरू की गई। वहीं, अन्य दो मादा हाथियों को जंगल में गश्त और बाघों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है, ताकि आदिवासी बस्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
 
बुजुर्ग हाथी को विश्राम
कोलकास में तैनात 100 वर्षीय बुजुर्ग हाथी जयश्री को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर विश्राम दिया गया है। फिलहाल पर्यटकों को सुंदरमाला और चंपाकली के माध्यम से हाथी सफारी का आनंद मिल रहा है। वहीं, जरिडा की सुंदरकली और हरिसाल की लक्ष्मी को हरिसाल क्षेत्र में वन गश्त के लिए लगाया गया है। वन विभाग के अनुसार, हर साल की तरह जनवरी में सभी मादा हाथियों का आयुर्वेदिक पैर उपचार किया जाएगा, जिसके लिए उन्हें 15 दिनों का विश्राम दिया जाएगा। हालांकि, उपचार अवकाश से पहले करीब एक महीने तक पर्यटक हाथी सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे।
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