Image Source:(Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल (Shivraj Patil) चाकोरकर का 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। शुक्रवार सुबह करीब 6:30 बजे उन्होंने लातूर स्थित अपने निवास ‘देव्वार’ में अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहे पाटिल का घर पर ही इलाज जारी था। उनके निधन की खबर से कांग्रेस पार्टी और समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है। पार्टी नेताओं ने उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
संसद से लेकर गृह मंत्रालय तक
शिवराज पाटिल चाकोरकर भारतीय राजनीति के एक अनुभवी और प्रभावशाली चेहरे रहे। वह महाराष्ट्र के लातूर के चाकोर क्षेत्र से आने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता थे। पाटिल सात बार लातूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। 2004 लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी उन्हें राज्यसभा के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री और कई अहम पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो पार्टी के उनके प्रति विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने विज्ञान में ओस्मानिया विश्वविद्यालय से स्नातक और मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की थी।
गांधी सरकारों में संभालीं कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं
शिवराज पाटिल ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों में कई अहम मंत्रालय संभाले। 1980 में पहली बार लातूर से लोकसभा पहुंचे पाटिल 1999 तक लगातार सात बार जीतते रहे। 1991 से 1996 तक उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत का प्रतिनिधित्व कई अंतरराष्ट्रीय संसदीय सम्मेलनों में किया। सोनिया गांधी के नेतृत्व में भी वे कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिक चेहरों में शामिल रहे। हालांकि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद उन्होंने सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके निधन से भारतीय राजनीति ने एक शांत, सुस्पष्ट और मर्यादित नेता को खो दिया है।