Image Source:(Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
भारी बारिश से कृषि क्षेत्र को हुए नुकसान के बीच महाराष्ट्र सरकार पर राहत वितरण को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष अंबादास दानवे ने एक ट्वीट कर दावा किया कि किसानों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (CM relief fund) में जमा किए गए 100 करोड़ रुपये में से सरकार ने केवल 75 हज़ार रुपये खर्च किए। दानवे ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जनता द्वारा भेजी गई मदद को गंभीरता से नहीं ले रही है। उनके इस दावे के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया और विधानसभा में भी हंगामा देखने को मिला।
CMO का पलटवार
अंबादास दानवे के आरोपों पर मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने स्पष्ट किया कि वायरल किए गए आंकड़े गलत और अधूरे हैं। CMO के अनुसार, दानवे द्वारा साझा किया गया डेटा केवल अक्टूबर महीने का है, जिससे गलतफहमी पैदा हुई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर—इन तीन महीनों के दौरान मुख्यमंत्री राहत कोष से कुल 61 करोड़ 51 लाख 698 रुपये** की सहायता बांटी गई है। साथ ही, यह भी बताया गया कि राहत का खर्च प्रतिदिन बढ़ता है, इसलिए सिर्फ एक महीने के आधार पर निष्कर्ष निकालना भ्रामक है। CMO ने बताया कि गलत जानकारी देने वालों की जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
किसानों की सहायता कई विभागों से, 14,000 करोड़ सीधे खातों में
सरकार ने स्पष्ट किया कि किसानों को सहायता केवल मुख्यमंत्री राहत कोष से नहीं, बल्कि राहत और पुनर्वास विभाग सहित कई अन्य विभागों से भी दी जाती है। सरकार के मुताबिक, अब तक विशेष पैकेज के तहत किसानों के खातों में 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम सीधे जमा की जा चुकी है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। वहीं RTI में दावा किया गया था कि मराठवाड़ा में बाढ़ के बाद किसानों की मदद के नाम पर जमा हुए 100 करोड़ में से सिर्फ़ 75 हज़ार रुपये ही वितरण किए गए। इस विरोधाभासी जानकारी के चलते मामला और गरम हो गया है, जिस पर अब सरकार की ओर से सफाई और जांच दोनों जारी है।