Zero Mile! भारत के ‘मध्य बिंदु’ की पहचान खतरे में

01 Dec 2025 22:01:44
 
Zero Mile
 Image Source:(Internet)
नागपुर।
नागपुर का ऐतिहासिक Zero Mile Stone जो कभी ब्रिटिश कालीन सर्वेक्षण का केंद्र माना जाता था आज लापरवाही की मार झेल रहा है। 1907 में स्थापित यह बलुआ पत्थर का स्तंभ भारत के महान त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण का प्रतीक था, जहां से कभी दूरी मापने की परंपरा शुरू हुई थी। लेकिन आज इसकी पहचान झाड़ियों, काई और धूल में छिप चुकी है। पत्थर पर दर्ज महत्वपूर्ण निशान नज़र नहीं आते और पीछे लगी दूरी मापने वाली पट्टिका पर खुदा ‘Zero’ भी लगभग गायब है।
 
धरोहर के बजाय ‘भूला हुआ लैंडमार्क’
यात्री और इतिहास प्रेमी यहां तस्वीरें लेने पहुंचते हैं, लेकिन निराश होकर लौटते हैं क्योंकि यह राष्ट्रीय धरोहर अब एक थका हुआ सड़क किनारे संकेतांक जैसी दिखती है। विडंबना यह है कि ये दुर्दशा विदर्भ की विधानभवन के पास खड़ी है, जबकि शहर आगामी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की तैयारी कर रहा है। न्यायालय और विशेषज्ञों की चेतावनियों के बावजूद संरक्षण की गति धीमी है। Zero Mile केवल पत्थर नहीं, बल्कि नागपुर की पहचान और भारत की भौगोलिक विरासत है और इसे समय रहते बचाना अब शहर की जिम्मेदारी बन चुका है।
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