Image Source:(Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Modi) द्वारा विपक्ष पर किए गए तंज के बाद कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को पलटवार किया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) और दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता जैसे गंभीर मुद्दों पर बात करना कोई ड्रामा नहीं, बल्कि लोकतंत्र का मूल उद्देश्य है। प्रियंका ने कहा, “संसद इसलिए है कि जनता के मुद्दों पर आवाज उठाई जाए। असली ड्रामा यह है कि बहस को रोका जाए और लोकतांत्रिक चर्चा को बाधित किया जाए।”
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि संसद में “डिलीवरी” होनी चाहिए, ड्रामा नहीं। उन्होंने दावा किया कि पिछले दस वर्षों में विपक्ष ने संसद को बहस और कानून निर्माण की जगह नारेबाजी का मंच बना दिया है। पीएम मोदी ने कहा, *“कई जगह ड्रामा करने की जगह है, लेकिन संसद उसका मंच नहीं।” उन्होंने इसके साथ ही पहली बार चुने गए सांसदों को बोलने के अवसर न मिल पाने पर भी चिंता जताई और कहा कि संसद में नारेबाजी और अव्यवस्था के बजाय नीति निर्माण को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
विपक्ष का रुख: बहस जरूरी
पीएम मोदी के बयान के कुछ ही समय बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि विपक्ष जनता से जुड़े मसलों पर सवाल उठाता रहेगा, चाहे सरकार इसे *ड्रामा* ही क्यों न बताए। उन्होंने कहा, “चुनाव प्रक्रिया, SIR, प्रदूषण और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे विषय बेहद अहम हैं। संसद में इन पर चर्चा रोकी नहीं जा सकती।”
विपक्षी दलों ने सरकार द्वारा सत्र की अवधि 20 से घटाकर 15 बैठक रखने के फैसले की भी आलोचना की है और कहा है कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सीमित करने का तरीका है।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्ष का दबाव
शीतकालीन सत्र में सरकार ने 14 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, लेकिन विपक्ष की मांग है कि इन्हें तत्काल पास करने की जल्दबाजी न की जाए और पहले संवेदनशील मुद्दों पर बहस हो। विपक्ष ने बूथ लेवल अधिकारियों की आत्महत्याओं, दिल्ली में 10 नवंबर को हुए आतंकी हमले के बाद की राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं और चुनावी पारदर्शिता से जुड़े प्रश्नों को प्राथमिकता सूची में रखा है। विपक्ष का कहना है कि संसद जनता की आवाज़ है और यदि वहां चर्चा को सीमित किया जाता है तो लोकतंत्र की आत्मा कमजोर होती है।