साहित्य का अनोखा उत्सव! पहले 'नागपुर बुक फेस्टिवल' में साढ़े पांच लाख से अधिक लोगों की उपस्थिति

    01-Dec-2025
Total Views |
 
Nagpur Book Festival
 
नागपुर।
नागपुर के साहित्य प्रेमियों ने पहली बार आयोजित हुए ‘नागपुर बुक फेस्टिवल (Nagpur Book Festival) 2025’ को ऐतिहासिक बना दिया। नेशनल बुक ट्रस्ट (NBT) इंडिया द्वारा महाराष्ट्र शासन और जीरो माइल यूथ फाउंडेशन के सहयोग से रेशीमबाग मैदान में आयोजित इस नौ दिवसीय महोत्सव में लगभग साढ़े पांच लाख से अधिक लोगों ने उपस्थित होकर इसे भव्य सफलता दिलाई। पहली बार आयोजित हुए पुस्तक मेले को मिले इस अभूतपूर्व प्रतिसाद ने साहित्यिक जगत को चौंकाया और नागपुर को पुस्तक संस्कृति वाले शहरों की सूची में प्रमुखता से स्थापित किया।
 
15 लाख से अधिक पुस्तकें एक ही छत के नीचे
इस बुक फेस्टिवल की सबसे बड़ी खासियत रही देशभर के 300 प्रकाशकों की 15 लाख से अधिक पुस्तकें, जो एक ही स्थान पर उपलब्ध थीं। बच्चों के साहित्य से लेकर संत साहित्य, विज्ञान, नीति-चिंतन, विभिन्न लिपियों के अध्ययन, और हिंदी, मराठी, अंग्रेजी, उर्दू सहित कई भाषाओं में पुस्तकें आकर्षण का केंद्र रहीं। रियायती दरों पर उपलब्ध पुस्तकों ने सभी आयु वर्ग के पाठकों को आकर्षित किया। बच्चों के लिए बाल मंडप ने खास भूमिका निभाई, जहां प्रतियोगिताएं, कार्यशालाएं और रचनात्मक गतिविधियों ने छोटे पाठकों में पुस्तकों के प्रति उत्साह बढ़ाया।
 

Nagpur Book Festival 
जीरो माइल लिट फेस्टिवल बना विचारों का मंच
फेस्टिवल के दौरान आयोजित जीरो माइल लिट फेस्टिवल चर्चाओं, संवादों और विचारों का मंच बनकर उभरा। देशभर से आए नामी लेखक, निर्देशक, नीति निर्माता, अभिनेता, विधि विशेषज्ञ और चिंतक यहां इंटरव्यू, परिचर्चा और संवादों में शामिल हुए। नागपुर और विदर्भ के लेखकों ने भी अपने साहित्य और विचारों का प्रभावी प्रस्तुतीकरण किया। वहीं, 1500 बच्चों द्वारा बनाए गए पोस्टकार्ड चित्र, सेल्फी पॉइंट्स और भित्तिचित्र आकर्षण का मुख्य केंद्र बने, जिन्होंने पूरे महोत्सव को कलात्मक रूप दिया।
 
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाया गरिमा का स्तर
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, आरएसएस सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, अभिनेता गोविंदा और विदर्भ की सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, जनप्रतिनिधियों और साहित्य जगत की नामचीन हस्तियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और यादगार बना दिया। नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे ने व्यक्त किया कि नागपुरवासियों ने इस आयोजन को जिस गर्मजोशी से अपनाया है, उससे यह महोत्सव अब सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि नागपुर की साहित्यिक पहचान बन चुका है।