नागपुर सेंट्रल जेल में ‘एकता खिचड़ी’ की पहल! कैदियों के पुनर्वसन की ओर सराहनीय कदम

    01-Dec-2025
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- कैदियों के जीवन में नई उम्मीद और सकारात्मकता

Ekta Khichdi
 
नागपुर :
समाज के हर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके जीवन में नई सोच व सकारात्मकता जगाने के उद्देश्य से नागपुर सेंट्रल जेल (Nagpur Central Jail) में 30 नवंबर को एक विशेष सामाजिक पहल ‘एकता खिचड़ी’ का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध शेफ विष्णु मनोहर की संकल्पना पर आधारित इस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 5 बजे हुई, जहां स्वयं शेफ मनोहर ने खिचड़ी बनाने की प्रक्रिया का नेतृत्व किया। इस दौरान कैदियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए सामूहिक कार्य, अनुशासन, स्वच्छता और सहयोग की सीख प्राप्त की।
 
एकता और मानवता का स्वाद
3000 कैदियों के लिए 2500 किलो की यह विशेष खिचड़ी सिर्फ भोजन नहीं बल्कि प्रेम, समानता और मानवता का प्रतीक बनी। सुबह 11 बजे सभी कैदियों को स्वच्छ और व्यवस्थित तरीके से भोजन परोसा गया। पूरी प्रक्रिया में स्वच्छता, हाइजीन, भंडारण और भोजन वितरण के सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया गया। जेल परिसर के रसोईघर सहित सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट व्यवस्था और साफ-सफाई देखते ही बनी। इस पहल ने भोजन से कहीं अधिक कैदियों के मानसिक और भावनात्मक स्तर पर परिवर्तन लाने का कार्य किया।
 

Ekta Khichdi 
 
पुनर्वसन कार्यक्रमों से मिली दिशा
यह पहल केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि कैदियों के जीवन परिवर्तन की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले भी शेफ विष्णु मनोहर और उनकी टीम ने फास्ट फूड प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसके परिणामस्वरूप कई कैदियों के जीवन में बदलाव आया। जेल से रिहा होने के बाद कुछ कैदियों ने खुद के फूड सेंटर शुरू किए, जबकि कुछ को प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट्स में रोजगार मिला। यह अनुभव इस बात का प्रमाण है कि यदि सही मार्गदर्शन और अवसर मिले तो परिवर्तन संभव है।
 
अधिकारियों का सहयोग और मानवीय दृष्टिकोण
यह अनोखी पहल महाराष्ट्र राज्य के एडिशनल डीजी (जेल एवं सुधार सेवा) सुहास वारके, आईजी जेल योगेश देसाई, जेल अधीक्षक वैभव आगे तथा उप-अधीक्षक दीपा आगे के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। वरिष्ठ जेल अधिकारी आनंद पंसारे सहित सभी कर्मचारियों ने सहयोग, उत्साह और संवेदनशीलता के साथ सहभागिता निभाई। सरकार द्वारा निर्धारित 2006 के भोजन मानक के अनुसार बनी इस खिचड़ी में चावल, दालें, तेल, सब्जियां, मसाले और दही जैसे पौष्टिक तत्वों का समावेश किया गया। ‘एकता खिचड़ी’ कैदियों के लिए सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उनके सम्मान, आत्मविश्वास और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बनकर सामने आई है। यह आयोजन निश्चित रूप से समाज, खाद्य संस्कृति और मानवता का सुंदर संगम बनकर यादगार साबित होगा।