खासदार सांस्कृतिक महोत्सव 2025: संस्कृति, अध्यात्म और आनंद का संगम

08 Nov 2025 07:28:26
 
Khasdar Cultural Festival
 Image Source:(Internet)
नागपुर :
संस्कृति जब अध्यात्म से मिलती है, तो समाज में आनंद और एकता का उत्सव जन्म लेता है। नागपुर में शुक्रवार को आरंभ हुए ‘खासदार (Khasdar) सांस्कृतिक महोत्सव 2025’ ने इसी भावना को साकार किया। हनुमाननगर स्थित ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय के मैदान में आयोजित इस भव्य महोत्सव का शुभारंभ प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज के हाथों हुआ। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “आधुनिक जीवन की भागदौड़ में आनंद के प्रकटीकरण के लिए ऐसे उत्सव आवश्यक हैं, जो व्यक्ति को अपनी संस्कृति और अध्यात्म से जोड़ते हैं।” महोत्सव के उद्घाटन समारोह में हजारों की संख्या में नागपुरवासी उपस्थित रहे, जहाँ वातावरण संगीत, नृत्य और भारतीय परंपरा की खुशबू से भर उठा।
 
Khasdar Cultural Festival 
संस्कृति से आत्मबल और एकता का संदेश
स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ऐसे महोत्सवों का आयोजन हर जनप्रतिनिधि को करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि “आधुनिकता अपनाना आवश्यक है, पर पश्चिमी अंधानुकरण नहीं। भारतीय संस्कृति ही वह शक्ति है जो जीवन में संतुलन और शांति प्रदान करती है।” इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राज्य के महसूल मंत्री एवं पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे, राज्यमंत्री आशीष जैसवाल, पूर्व सांसद दत्ता मेघे, तथा अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
 
'हमारे राम’ की भव्य प्रस्तुति ने जीता दिल
उद्घाटन समारोह के बाद प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा की प्रमुख भूमिका वाला नाटक 'हमारे राम’ मंचित किया गया, जिसका यह 341वां सफल प्रयोग था। भगवान श्रीराम की भूमिका में राहुल भूचर, सीता के रूप में हरलीन कौर रेखी, हनुमान के रूप में दानिश अख्तर, और रावण के रूप में आशुतोष राणा ने अपने प्रभावशाली अभिनय से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। नाटक भगवान सूर्य के दृष्टिकोण से रामायण की अदृश्य भावनाओं को उजागर करता है राम-सीता के प्रेम, अग्निपरीक्षा, रावण-वध और शूर्पणखा की कथा को नए नजरिए से प्रस्तुत करता है। साउंड इफेक्ट, भव्य परिधान और संगीत संयोजन ने इस प्रस्तुति को और प्रभावशाली बना दिया।
 
Khasdar Cultural Festival 
-प्रबोधन, प्रशिक्षण और संस्कार: महोत्सव की त्रिसूत्री
अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस महोत्सव की आत्मा “प्रबोधन, प्रशिक्षण और संस्कार” की त्रिसूत्री में निहित है। उन्होंने कहा कि “यह आयोजन केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम है।” मंच संचालन बाल कुलकर्णी ने किया, जबकि प्रास्ताविक भाषण अनिल सोले ने दिया। उन्होंने महोत्सव के तहत आयोजित विविध सांस्कृतिक और सामाजिक उपक्रमों की जानकारी साझा की। कार्यक्रम के अंत में देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत ‘वंदे मातरम्’ के सामूहिक गायन ने पूरे परिसर को राष्ट्रगौरव की भावना से भर दिया।
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