- पुणे में 1800 करोड़ की जमीन सिर्फ 300 करोड़ में बेची गई!
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AB News Portal :
पुणे में जैन बोर्डिंग वित्तीय घोटाले के बाद अब एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार (Parth Pawar) की कंपनी पर 1800 करोड़ रुपये की जमीन मात्र 300 करोड़ रुपये में खरीदने का आरोप लगा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस जमीन सौदे पर सिर्फ 500 रुपये की स्टांप ड्यूटी भरी गई थी। विपक्ष के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत एक्शन लेते हुए संबंधित तहसीलदारों को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद राज्य के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी, बनी जांच समिति
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे प्रकरण पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दोपहर 12 बजे संकेत दिए और महज दो घंटे में पुणे तहसीलदार सूर्यकांत येवले को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। अब इस जमीन सौदे की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खारगे की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति गठित की गई है। मुख्यमंत्री की इस त्वरित कार्रवाई ने प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर हलचल पैदा कर दी है।
डिप्टी रजिस्ट्रार रविंद्र तारू भी सस्पेंड, अवैध सौदे का खुलासा
तहसीलदार के बाद अब पुणे के डिप्टी रजिस्ट्रार रविंद्र तारू को भी निलंबित कर दिया गया है। स्टांप ड्यूटी विभाग की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि पार्थ पवार और उनकी कंपनी ने कोरेगांव पार्क स्थित करीब 40 एकड़ की प्रीमियम जमीन को अवैध तरीके से हड़प लिया था। यह सौदा न केवल जमीन मालिक के साथ धोखाधड़ी साबित हो रहा है बल्कि सरकार को भी भारी राजस्व नुकसान पहुंचाने वाला है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि पूरी रजिस्ट्री ही अवैध पाई गई है। इस कार्रवाई से राजनीतिक माहौल गर्मा गया है और अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अजित पवार और पार्थ पवार इस पूरे विवाद में क्या भूमिका निभाते हैं।