स्वास्थ्य विभाग की 3500 पदों पर भर्ती पर विवाद
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एब्बी न्यूज़ नेटवर्क।
राज्य सरकार द्वारा घोषित मेगा भर्ती अभियान के तहत विभिन्न विभागों में रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में 3500 संविदा पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। लेकिन इस भर्ती में एनटी (Nomadic Tribes) वर्ग के लिए एक भी पद आरक्षित न होने से नया विवाद खड़ा हो गया है। एनटी वर्ग के विद्यार्थियों और अभ्यर्थियों ने इस पर नाराजगी जताई है और सरकार से इस अन्याय पर पुनर्विचार की मांग की है।
धनंजय मुंडे ने लिखा स्वास्थ्य मंत्री को पत्र
पूर्व मंत्री और विधायक धनंजय मुंडे ने स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर को पत्र लिखकर इस विज्ञापन को रद्द करने और नया संशोधित विज्ञापन जारी करने की मांग की है। मुंडे ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि 4 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 1974 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (संविदा) के पदों के लिए जारी विज्ञापन में एनटी (डी) वर्ग के लिए एक भी आरक्षण नहीं है। इसी तरह, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसी दिन जारी विज्ञापन क्रमांक 01/2025 के तहत 1440 मेडिकल ऑफिसर के पदों पर भर्ती की जा रही है, जिसमें एनटी (ए), (बी), (सी) और (डी) चारों वर्गों में से किसी के लिए भी आरक्षण नहीं रखा गया है।
विज्ञापन रद्द कर पुनः प्रकाशन की मांग
धनंजय मुंडे ने कहा कि राज्यभर में एनटी वर्ग के लाखों छात्र-छात्राएं इन पदों की तैयारी कर रहे हैं और उन्हें अवसर न देना अनुचित है। उनके अनुसार, यह न केवल सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है बल्कि संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण के अधिकार का भी उल्लंघन है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से तत्काल इन विज्ञापनों को निलंबित करने, आरक्षित पदों की पुनः समीक्षा करने और संशोधित विज्ञापन जारी करने की मांग की है ताकि किसी वर्ग के साथ अन्याय न हो। मुंडे ने इस संबंध में जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा की है। अब देखना होगा कि सरकार इस गंभीर मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।