Image Source:(Internet)
सवाई माधोपुर:
राजस्थान पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा, जब वह भ्रष्टाचार के खिलाफ भाषण देने के महज एक घंटे बाद ही 80,000 रूपये की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। मामला सवाई माधोपुर के एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) में पदस्थ उप पुलिस आयुक्त (डीसीपी) भैरूलाल मीणा का है। अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस के मौके पर मीणा ने जनता को संबोधित करते हुए ईमानदारी का संदेश दिया था और लोगों से अपील की थी कि वे किसी भी भ्रष्ट अधिकारी की शिकायत एसीबी हेल्पलाइन 1064 पर करें। विडंबना यह रही कि कुछ ही देर बाद जयपुर से आई एसीबी टीम ने उन्हें रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
शिकायतों के बाद बिछाया गया जाल
एसीबी के महानिदेशक बी. एल. सोनी के अनुसार, भैरूलाल मीणा सवाई माधोपुर स्थित एसीबी चौकी की देखरेख कर रहे थे। उनके खिलाफ कई महीनों से शिकायतें मिल रही थीं कि वे परिवहन विभाग के अधिकारियों से मासिक भुगतान की मांग कर रहे हैं। इन शिकायतों की पुष्टि के लिए जयपुर टीम ने एक जाल बिछाया। जांच के दौरान मीणा को जिला परिवहन अधिकारी मुकेश चंद से 80,000 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी में ही भ्रष्टाचार का कलंक
इस घटना ने पूरे पुलिस विभाग और जनता को स्तब्ध कर दिया है। जिस विभाग का काम भ्रष्टाचार मिटाना है, उसी में ऐसी घटनाएं सामने आना व्यवस्था की साख पर सवाल खड़े करता है। एसीबी ने मीणा और जिला परिवहन अधिकारी मुकेश चंद दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस घटना ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्थाओं में ही ईमानदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी तंत्र की कितनी जरूरत है।