सक्करदरा राजघाट भूमि विवाद फिर गरमाया!

29 Nov 2025 17:03:13


Sakkaradara Rajghat land
 Image Source:(Internet)
नागपुर।
सक्करदरा (Sakkaradara) स्थित राजघाट भूमि को लेकर विवाद एक बार फिर उभर आया है। पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी ने दावा किया है कि राजा बख्त बुलंद शाह मुस्लिम नहीं थे, और सरकारी रिकॉर्ड भी इस बात की पुष्टि करते हैं। तिवारी के अनुसार विरोधियों द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि बुलंद शाह ने मस्जिद का निर्माण कराया था, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'राजा ने एक शासक के रूप में सभी समुदायों के लिए संरचनाएं बनाईं, लेकिन उन्होंने मंदिर भी निर्माण करवाए थे, जिनमें से एक आज भी मध्य प्रदेश में मौजूद है। उन्होंने कहा कि गोंड राजवंश सदियों से भगवान शिव के उपासक रहे हैं और राजा की आधिकारिक मुहर पर शिवलिंग का चिन्ह भी अंकित है।'
 
अवैध रूप से वक्फ दर्ज करने की कोशिश
तिवारी ने आरोप लगाया है कि भू-माफियाओं और कुछ नेताओं द्वारा इस जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित करने की कोशिश की जा रही हैं, ताकि बची हुई 1.5 एकड़ भूमि पर कब्जा किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस भूमि का बड़ा हिस्सा पहले ही अवैध कब्जों की भेंट चढ़ चुका है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन सौंपा गया है और उन्होंने इस विवाद को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है। तिवारी ने कहा कि यह सिर्फ जमीन का विवाद नहीं, बल्कि इतिहास और विरासत की रक्षा का सवाल है।
 
राजघाट गोंड राजवंश की श्मशान भूमि
शुक्रवार को आयोजित पत्रकार परिषद में गोंड राजवंश के वंशज राजेंद्र शाह और कई समुदाय प्रतिनिधि मौजूद रहे। तिवारी ने बताया कि राजघाट वास्तव में गोंड राजपरिवार की श्मशान भूमि है, जहां उनके पूर्वजों की समाधियां मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश दस्तावेजों, सरकारी रिकॉर्ड और 7/12 एक्सट्रैक्ट्स में स्पष्ट रूप से इस भूमि को गोंड शासकों की संपत्ति बताया गया है। इससे पहले भी इस भूमि को वक्फ घोषित करने के प्रयास किए गए थे, लेकिन सभी आवेदन खारिज हो चुके हैं। तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार से इस मामले की जांच और भूमि की सुरक्षा के लिए दृढ़ कार्रवाई की उम्मीद है।
 
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