अयोध्या में गर्व का क्षण! राम मंदिर निर्माण पूर्ण, प्रधानमंत्री मोदी ने फहराया धर्म ध्वज

25 Nov 2025 15:55:03
 
PM Modi
 Image Source:(Internet)
अयोध्या :
भारत की आध्यात्मिक राजधानी अयोध्या (Ayodhya) ने मंगलवार को इतिहास के स्वर्णिम अध्याय का साक्षी बनते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर केसरिया धर्म ध्वज फहराने की पावन घड़ी देखी। इस ध्वजारोहण ने मंदिर निर्माण की पूर्णता घोषित की और संपूर्ण देश में एक अद्भुत आध्यात्मिक उत्साह का संचार हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही धर्म ध्वज को मंदिर शिखर पर किया, सम्पूर्ण वातावरण “सियावर रामचंद्र की जय” के घोष से गूंज उठा। उनके साथ मंच पर RSS प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे।
 
धर्म ध्वज का महत्व और ऐतिहासिक क्षण
प्रधानमंत्री ने 10 फीट ऊँचे और 20 फीट लंबे केसरिया ध्वज को फहराया, जिसमें तेजस्वी सूर्य का प्रतीक, ‘ॐ’ और कोविडर वृक्ष अंकित है जो शक्ति, धर्म और सनातनी विरासत के प्रतीक माने जाते हैं। मोदी ने इस समारोह को सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना का निर्णायक चरण बताया। उन्होंने कहा, “आज का यह क्षण केवल मंदिर निर्माण की पूर्णता नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की पुनर्स्थापना का उत्सव है। यह अद्वितीय, शाश्वत और भावनाओं से भरा पड़ाव है।”
 
योगी आदित्यनाथ: ‘एक नए युग की शुरुआत’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ध्वजारोहण को एक नए युग का आरंभ बताया। उन्होंने कहा, “श्रीराम का भव्य मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की आस्था, स्वाभिमान और संघर्ष का प्रतीक है। यह दिन उन संतों, कारसेवकों, वीरों और भक्तों को समर्पित है जिन्होंने इस आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।” उन्होंने आगे कहा कि धर्म ध्वज केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि सत्य, न्याय, मर्यादा और राष्ट्र धर्म का संदेश लेकर आया है। "आज जब मंदिर पर यह ध्वज फहर रहा है, हम एक नए भारत को देख रहे हैं जहां विकास और विरासत साथ-साथ चल रहे हैं,” उन्होंने कहा।
 
अयोध्या बना श्रद्धा, सुरक्षा और उल्लास का केंद्र
सुबह से ही अयोध्या में लाखों भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा था। हर चौराहे, हर सड़क, हर मंदिर से “जय श्रीराम” के जयघोष सुनाई दे रहे थे। श्रद्धालुओं ने इस परंपरागत आयोजन ध्वज आरोहण को राम मंदिर आंदोलन की पूर्ति का क्षण बताया।
 
भारी भीड़ और प्रधानमंत्री की उपस्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ाया। लगभग 6,970 सुरक्षा कर्मी, ATS कमांडो, NSG स्नाइपर, साइबर विशेषज्ञ, एंटी-ड्रोन सिस्टम, बम निरोधक दस्ते और विशेष तकनीकी टीमें तैनात रहीं।
 
पूजा-अर्चना और मंदिर की वास्तुकला का दर्शन
ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राम दरबार गर्भगृह, रामलल्ला गर्भगृह और सप्तमंदिर सहित कई देवस्थलों में पूजा-अर्चना की। मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण के 87 पत्थर नक्काशी आधारित प्रसंग और प्रांगण में 79 कांस्य मूर्तियाँ भारतीय संस्कृति की भव्यता को दर्शाती हैं।
 
यह दिन केवल मंदिर, शहर या प्रदेश का नहीं बल्कि सभी सनातनियों और भारतवासियों की आध्यात्मिक विजय का दिवस बन गया — एक ऐसा क्षण जो इतिहास में अंकित रहेगा।
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