बिहार में सियासी बदलाव: नीतीश कुमार ने दिया इस्तीफा, नई सरकार बनाने का दावा

    19-Nov-2025
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- नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, फिर बहुमत का दावा

Nitish KumarImage Source:(Internet) 
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत मिलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर न केवल अपना इस्तीफा सौंपा बल्कि नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया। जानकारी के अनुसार, जेडीयू विधायक दल की बैठक मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री आवास पर हुई, जिसमें सभी विधायकों ने एकमत से नीतीश कुमार को नेता चुना। इसके बाद विधानसभा में एनडीए गठबंधन के विधायकों की संयुक्त बैठक हुई, जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार का नाम प्रस्तावित किया, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिली। कयास है कि नीतीश कुमार मीडिया को बाद में संबोधित करेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने प्रेस से दूरी बनाए रखी थी, ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार भी उनकी ओर से पार्टी नेता सम्राट चौधरी और विजय चौधरी मीडिया से संवाद कर सकते हैं।
 
गांधी मैदान में होगा शपथ ग्रहण, तैयारियां जोरों पर
नए राजनीतिक समीकरणों के बीच पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के जुटने की संभावना है। राज्य प्रशासन और आयोजन समिति ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मंगलवार शाम स्वयं नीतीश कुमार ने गांधी मैदान पहुंचकर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। कार्यक्रम में एनडीए के बड़े नेता, केंद्रीय मंत्री, भाजपा और सहयोगी दलों के शीर्ष चेहरे मौजूद रहेंगे। इसे बिहार के हालिया राजनीतिक इतिहास के सबसे बड़े शपथ समारोहों में से एक माना जा रहा है।
 
नतीजे बोले: एनडीए को 202 सीटें, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी 
14 नवंबर को घोषित विधानसभा चुनाव परिणामों में एनडीए ने शानदार जीत दर्ज की और कुल 243 सीटों में से 202 पर कब्जा किया। इस जीत में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसने 89 सीटें जीतीं, जबकि जेडीयू 85 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 सीटों पर जीत दर्ज कर एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। वहीं जीतन राम मांझी की हम (HAM) को 5 और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को 4 सीटें मिलीं। दूसरी तरफ महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा और उसे महज 35 सीटों पर संतोष करना पड़ा।