राज ठाकरे का भावुक पोस्ट! शिवसेना की विरासत पर BJP और शिंदे गुट को निशाना

17 Nov 2025 14:06:16
बालासाहेब ठाकरे की 13वीं पुण्यतिथि पर एक साथ दिखे उद्धव और राज

Raj Thackeray
Image Source:(Internet)
 मुंबई।
शिवसेना संस्थापक और हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की 13वीं पुण्यतिथि पर आज दादर स्थित स्मारक पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे  (Raj Thackeray) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वर्षों बाद एक साथ नजर आए। लगभग 11 साल बाद दोनों नेताओं को एक मंच पर देखना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना। श्रद्धांजलि सभा के बाद राज ठाकरे ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा कर बालासाहेब को याद किया और मौजूदा राजनीति पर तीखा हमला बोला।
 
 
हिंदुत्व पहचान थी, वोट बैंक नहीं - राज ठाकरे
राज ठाकरे ने अपने पोस्ट में लिखा कि बालासाहेब ठाकरे ने देश की राजनीति में भाषाई पहचान पर आधारित एक बड़ी आंदोलन की नींव रखी और फिर उसे राजनीतिक दल का स्वरूप दिया। उन्होंने आगे लिखा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा कमंडल राजनीति के उभार से पहले हिंदू पहचान को मजबूती देने वाले पहले नेता बालासाहेब थे।
 
लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि बालासाहेब ने कभी हिंदुत्व को वोट बैंक के रूप में नहीं देखा। उनके लिए यह केवल राजनीतिक विचार नहीं बल्कि धार्मिक भावनाओं, पहचान और राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा विषय था।
 
बालासाहेब की छवि चुराने वालों को समझ नहीं
राज ठाकरे ने बिना नाम लिए शिंदे गुट और बीजेपी पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग बालासाहेब की छवि और नाम को हथियार बनाकर खुद को हिंदुत्व का उत्तराधिकारी बताने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जो लोग बालासाहेब की तस्वीर चुराकर उनके नाम पर वोट मांगते हैं, वे ना तो बालासाहेब को जानते हैं और ना उन विचारों को, जिन्होंने महाराष्ट्र के समाज को आंदोलित किया। सुनने और पढ़ने की कमी के कारण उन्हें अंदाजा ही नहीं कि बालासाहेब की विचारधारा कितनी समृद्ध थी।'
 
राजनीति सत्ता का साधन बन चुकी है — राज ठाकरे
अपने संदेश के अंतिम भाग में राज ठाकरे ने वर्तमान राजनीति की दिशा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज राजनीति सिर्फ सत्ता, चुनाव और स्वार्थ तक सीमित हो चुकी है, जबकि बालासाहेब ने पहले समाज सेवा और फिर राजनीति को महत्व दिया।
 
अपने पोस्ट के अंत में उन्होंने लिखा, 'बालासाहेब की याद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की विनम्र श्रद्धांजलि। हमें उनकी विचारधारा को समझना और सहेजना होगा, न कि उसे अवसरवाद की राजनीति में इस्तेमाल करना।'
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