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नागपुर।
जिले में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों (Municipal council elections) के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, जिसके बाद प्रशासनिक गतिविधियों में सतर्कता बढ़ गई है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मतदान 2 दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इसी सप्ताह जिला परिषद (ZP) और पंचायत समिति चुनावों के लिए भी आचार संहिता लागू होने की पूरी संभावना है। इस संभावित घोषणा ने प्रशासनिक तंत्र में तेजी ला दी है, क्योंकि आचार संहिता लागू होते ही विकास कार्य, धन आवंटन और प्रशासनिक स्वीकृतियां तत्काल प्रभाव से रोक दी जाएंगी।
विभागों में फाइल निपटाने की होड़
आचार संहिता लागू होने की संभावनाओं के बीच सरकारी विभागों में लंबित प्रस्तावों को मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। शिक्षा विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD), जलापूर्ति और लघु सिंचाई विभागों में लंबित कार्यों को तुरंत आगे बढ़ाया जा रहा है। ठेकेदार भी निर्माण और इंजीनियरिंग कार्यालयों में मंजूरी प्राप्त करने के लिए संख्या में पहुंच रहे हैं, जिससे संबंधित कार्यालयों में सामान्य से अधिक भीड़ देखने को मिल रही है। वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों को तत्काल लंबित फाइलें निपटाने और अद्यतित प्रगति रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि आचार संहिता लागू होने से पहले आवश्यक मंजूरियां पूरी की जा सकें।
राजनीतिक हलचल तेज
ZP और पंचायत समिति चुनावों की संकेतों ने राजनीतिक गतिविधियों को भी गति दे दी है। विभिन्न दलों ने संभावित उम्मीदवारों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है और ग्रामीण क्षेत्रों में बैठक, जनसंपर्क और संगठनात्मक तैयारियां तेज हो गई हैं। कई क्षेत्रों में प्रत्याशी आचार संहिता लागू होने से पहले विकास कार्यों के भूमिपूजन कार्यक्रम तेजी से करवाते दिखे। इस बीच, कुछ क्षेत्रों में आरक्षण बदलने के कारण परंपरागत नेता अपने निर्वाचन क्षेत्रों से हटकर अन्य क्षेत्रों में उतरने की तैयारी में हैं, जिससे आंतरिक असंतोष और प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, कुछ सीटों पर बागी उम्मीदवारों के मैदान में उतरने और दल-बदल की स्थिति भी बन सकती है।