मिथिला की बेटी ने रचा इतिहास! 25 की उम्र में सबसे युवा MLA बनीं मैथिली ठाकुर

    15-Nov-2025
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राजनीति में शानदार प्रवेश

Maithili ThakurImage Source:(Internet) 
एबी न्यूज़ नेटर्वर्क।
बिहार की उभरती हुई युवा चेहरा और प्रसिद्ध लोकगायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) ने राजनीति की दुनिया में कदम रखते ही इतिहास रच दिया है। मात्र 25 वर्ष की उम्र में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर अलीनगर विधानसभा सीट जीतकर बिहार की सबसे कम उम्र की विधायकों में जगह बना ली है। मैथिली के राजनीति में प्रवेश को पूरे मिथिला क्षेत्र में उत्साह और गर्व के साथ देखा जा रहा है। उन्हें एक सीधी, सरल, संस्कारित और जनता से जुड़े हुए व्यक्तित्व के रूप में सराहा जा रहा है। उनकी यह जीत केवल एक चुनावी जीत नहीं, बल्कि उनके संघर्ष, धैर्य और जिद का प्रतीक है।
 
संगीत सफर में मिली असफलताएं, लेकिन नहीं टूटी हिम्मत
बहुत कम लोग जानते हैं कि राजनीति में कदम रखने से पहले मैथिली ने अपने जीवन में कई असफलताएं झेली हैं। बचपन से ही संगीत की साधना करने वाली मैथिली ने कई रियलिटी शो का ऑडिशन दिया, लेकिन उन्हें बार-बार निराशा मिली। वे सा रे गा मा पा लिल चैंप्स, इंडियन आइडल जूनियर* और कई अन्य प्रतियोगिताओं के लिए चयनित होने की कोशिश करती रहीं, लेकिन मौके हाथ से निकलते रहे। इन चुनौतियों के बावजूद, न तो उनका उत्साह कम हुआ और न ही उनकी मेहनत। लगातार अभ्यास और परिवार के सहयोग के साथ उन्होंने संघर्ष जारी रखा।
 
सोशल मीडिया ने बदली दिशा
मैथिली का असली ब्रेक साल 2017 में मिला, जब उन्हें रियलिटी शो राइजिंग स्टार में जगह मिली। अपनी सुरीली आवाज और भावपूर्ण भक्ति गायन से उन्होंने दर्शकों के दिल जीत लिए। शो में वे फाइनल तक पहुंचीं और दो वोटों के बेहद कम अंतर से उपविजेता रहीं। हालांकि, वे शो नहीं जीत सकीं, लेकिन उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। शो के बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान सोशल मीडिया पर लगाया और अपने भाइयों आयाची और ऋषभ के साथ भक्ति, शास्त्रीय और लोकगीतों का कंटेंट बनाना शुरू किया। देखते ही देखते उनके वीडियो वायरल हुए और वह मिथिला संस्कृति की वैश्विक पहचान बन गईं।
 
संगीतमय परिवार से मिली विरासत
मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था। उनका परिवार शुरू से ही संगीत से जुड़ा रहा है। उनके पिता रमेश ठाकुर एक शास्त्रीय गायक हैं और बचपन से ही उन्होंने मैथिली को संगीत का प्रशिक्षण दिया। उनकी मां पूनम ठाकुर घरेलू जिम्मेदारियों को संभालते हुए बच्चों के सपनों में उनका साथ देती रहीं। आज मैथिली और उनके दोनों भाई मिलकर भारतीय लोक परंपरा और संस्कृति को लोकप्रिय बनाने का काम कर रहे हैं।