भारत-पाक फाइनल में भारत की शानदार जीत, ट्रॉफी विवाद में फंसी

    09-Oct-2025
Total Views |
 
Indo Pak final Asia cup
 Image Source:(Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
एशिया कप (Asia cup) के फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम ने 28 सितंबर को पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया। पाकिस्तान की टीम 20 ओवर में 146 रन पर ऑल आउट हो गई, जबकि भारत ने लक्ष्य आसानी से हासिल किया। अंतिम ओवर में तिलक वर्मा ने मिडविकेट स्टैंड में छक्का लगाया और रिंकू सिंह ने चौका लगाकर भारत को जीत दिलाई। इस जीत के साथ भारत ने नौवीं बार एशिया कप खिताब अपने नाम किया। हालांकि, मैच के बाद भारतीय टीम को ट्रॉफी और विजेता खिलाड़ियों के पदक लेने में विवाद खड़ा हो गया। एसीसी अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने ट्रॉफी और पदक सीधा स्टेडियम से अपने होटल ले लिए, जिसके कारण भारतीय टीम को औपचारिक रूप से सम्मान नहीं मिल सका। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलहाल ट्रॉफी अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के पास है और इसे भारत को कब सौंपा जाएगा, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।
 
नकवी का भागना और वायरल वीडियो
एशिया कप ट्रॉफी विवाद के बाद मोहसिन नक़वी पाकिस्तानी स्पिनर अबरार अहमद की शादी के रिसेप्शन में नजर आए। पाकिस्तानी मीडिया ने उनसे ट्रॉफी के भविष्य के बारे में सवाल किए, लेकिन नक़वी ने किसी भी सवाल का जवाब दिए बिना कार में बैठकर वहां से रवाना हो गए। इस दौरान पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी उन्हें कार तक छोड़ते नजर आए। टाइम्स ऑफ कराची (TOK स्पोर्ट्स) द्वारा जारी वीडियो में नक़वी मीडिया के सवालों से बचते हुए मुस्कुराते हुए कार में बैठते दिखाई दिए। एशिया कप के दौरान ट्रॉफी को लेकर नकवी की धमकियां अब उनके देश में मीडिया के सामने खामोशी में बदल गई हैं।
 
 
बीसीसीआई की प्रतिक्रिया और अगले कदम
बीसीसीआई ने नक़वी पर आचार संहिता और औपचारिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। भारतीय टीम को ट्रॉफी से वंचित करना और एसीसी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी नहीं निभाना क्रिकेट प्रशासन की छवि को नुकसान पहुँचाने वाला कदम माना गया। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि यह मामला आईसीसी के समक्ष उठाया जाएगा और आगामी आईसीसी बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई नकवी के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग करने की तैयारी में है। बीसीसीआई का मानना है कि नक़वी का व्यवहार एशियाई क्रिकेट परिषद और आईसीसी दोनों की प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।