किशन गंगोली ने रचा इतिहास! विकलांगों के द्वितीय FIDE शतरंज ओलंपियाड में भारत को दिलाया स्वर्ण

27 Oct 2025 20:04:37
- कजाकिस्तान में भारतीय खिलाड़ी का परचम लहराया

2nd FIDE Chess OlympiadImage Source:(Internet) 
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
भारत के दृष्टिबाधित शतरंज खिलाड़ी किशन गंगोली (Kishan Gangoli)  ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कजाकिस्तान के अस्ताना में 19 से 26 अक्टूबर तक आयोजित द्वितीय FIDE शतरंज ओलंपियाड (विकलांग खिलाड़ियों के लिए) में तीसरे बोर्ड पर स्वर्ण पदक जीता। यह पहली बार है जब किसी भारतीय खिलाड़ी ने इस प्रतिष्ठित वैश्विक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया है। इस ओलंपियाड में दुनिया भर की 34 शीर्ष टीमों ने भाग लिया, जिनमें विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता से जूझ रहे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
 
भारतीय टीम का शानदार प्रदर्शन
भारत की टीम में शशिकांत कुतवाल, किशन गंगोली , आर्यन बी. जोशी, दर्शिन इनानी और मेघा चक्रवर्ती शामिल थे। सभी खिलाड़ियों ने पूरे जोश और समर्पण के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल टीम रैंकिंग में 12वां स्थान हासिल किया। वहीं, टीम इवेंट में FIDE 1 टीम ने पहला स्थान प्राप्त किया, पोलैंड ने दूसरा और इजराइल ने तीसरा स्थान हासिल किया।
 
किशन गंगोली की अद्भुत सफलता बनी प्रेरणा
किशन गंगोली का प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट में असाधारण रहा। उन्होंने छह राउंड में कुल 5 अंक अर्जित किए और पूरे ओलंपियाड में अजेय रहे। उनकी इस बेहतरीन सफलता ने उन्हें तीसरे बोर्ड का स्वर्ण पुरस्कार (Board Prize) दिलाया। गंगोली की यह उपलब्धि न केवल भारतीय शतरंज जगत के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत भी है। उनके इस स्वर्ण पदक ने यह साबित कर दिया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और समर्पण के बल पर किसी भी चुनौती को परास्त किया जा सकता है। भारत के लिए यह पल खेल इतिहास में एक सुनहरा अध्याय बन गया है।
Powered By Sangraha 9.0