- दीपावली स्नेहमिलन कार्यक्रम बना राजनीतिक चर्चा का विषय
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नागपुर।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व में नागपुर के गणेशपेठ स्थित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) कार्यालय में आयोजित दीपावली स्नेहमिलन कार्यक्रम के दौरान एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में महिला पदाधिकारी द्वारा प्रस्तुत की गई लावणी प्रस्तुति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गर्मागरम चर्चा छिड़ गई है। रविवार को हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित थे।
वायरल वीडियो में महिला पदाधिकारी की लावणी प्रस्तुति
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में नागपुर एनसीपी की महिला उपाध्यक्ष और प्रसिद्ध नृत्यांगना शिल्पा शाहीर लावणी का मनमोहक प्रदर्शन करती नजर आ रही हैं। दर्शकों, विशेषकर युवा कार्यकर्ताओं ने उनके नृत्य का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। ‘वन्स मोर’ के नारे लगने पर उन्होंने दोबारा प्रस्तुति दी। कुछ ही पलों में यह सांस्कृतिक कार्यक्रम मोबाइल कैमरे में कैद होकर इंटरनेट पर वायरल हो गया। इसके बाद जहां कुछ लोगों ने इसे महाराष्ट्र की पारंपरिक संस्कृति का सुंदर उदाहरण बताया, वहीं कई राजनीतिक विरोधियों ने इसे पार्टी कार्यालय में अनुचित बताया।
पार्टी पदाधिकारियों ने दी सफाई
वीडियो वायरल होते ही एनसीपी शहर अध्यक्ष अनिल आहिरेकर और जिला अध्यक्ष राजाभाऊ टाकसाळे ने इस मामले पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पूरी तरह सांस्कृतिक और पारिवारिक माहौल में आयोजित किया गया था। इसमें महिला और पुरुष दोनों कार्यकर्ता मौजूद थे। "लावणी महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान है, इसका अपमान या गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए," उन्होंने कहा। पार्टी ने स्पष्ट किया कि शिल्पा शाहीर सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनके प्रदर्शन को राजनीतिक रंग देना अनुचित है।
संस्कृति से राजनीति तक पहुंची चर्चा
दीपावली स्नेह मिलन के इस आयोजन से उपजा विवाद अब राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया है। एक ओर जहां कई लोग इसे महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान बताते हैं, वहीं विपक्षी पक्ष इसे राजनीतिक मर्यादा के खिलाफ ठहरा रहे हैं। एनसीपी ने दोहराया कि यह कार्यक्रम केवल आपसी सौहार्द और उत्सव के माहौल में आयोजित किया गया था, न कि किसी राजनीतिक उद्देश्य से। बावजूद इसके, सोशल मीडिया पर जारी चर्चा ने इस पारिवारिक आयोजन को एक बड़े राजनीतिक मुद्दे में बदल दिया है।