सर्दी के सत्र में ‘शाही चाय-स्नैक्स’, जनता के पैसों पर सरकार की मेहमाननवाजी
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नागपुर।
शहर में 8 से 19 दिसंबर तक होने वाले 12 दिवसीय विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन (Winter Assembly Session 2025) से पहले सरकार का 40 लाख का “हाई-टी और बुफे भोज” योजना सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच गया है। सरकारी दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि जनता के टैक्स के पैसों से मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए स्टार होटल्स के मॉकटेल, पनीर डिश, सूप और डेजर्ट परोसने की तैयारी है। यह खर्च अधिवेशन के दौरान ही नहीं, बल्कि वीकेंड पर भी जारी रहेगा जब विधान भवन बंद रहता है।
जनता के पैसों से ‘गोल्ड नॉन-वेज मेन्यू’
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने अधिवेशन शुरू होने से एक दिन पहले वरिष्ठ विधायकों और विपक्ष के नेताओं के लिए हाई-टी कार्यक्रम रखा है, जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस और कैबिनेट बैठकों में भी चाय-स्नैक्स परोसे जाएंगे। समापन दिन पर मंत्रियों और विधायकों के लिए ‘फेयरवेल हाई-टी’ रखा गया है। “गोल्ड नॉन-वेज मेन्यू” में मॉकटेल, सूप, पनीर, सलाद, दो नॉन-वेज डिश, दाल, चावल, रोटी और मिठाई शामिल हैं। वहीं “लाइट मेन्यू” में भी जूस, स्टार्टर और स्वीट्स हैं। इसका औसतन खर्च 3.33 लाख प्रतिदिन या प्रति व्यक्ति करीब 3,300 बैठता है।
एक मंत्री की चाय के दाम में 600 बच्चों का भोजन
तुलना करें तो प्रधानमंत्री पोषण (PM POSHAN) मध्याह्न भोजन योजना के तहत एक बच्चे को 5.50 में दिनभर का भोजन चावल, दाल, सब्जी और कभी-कभी केला या अंडा — दिया जाता है। यानी एक मंत्री की हाई-टी की कीमत में लगभग 600 बच्चों का भोजन कराया जा सकता है। पूरा 40 लाख का खर्च 7.2 लाख बच्चों का पेट भर सकता था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब मंत्री महंगाई पर बहस कर रहे होंगे, तब क्या उन्हें यह एहसास होगा कि राज्य के बच्चे अब भी छह रुपये से कम में अपना दिन गुज़ार रहे हैं?