गोवर्धन पूजा स्पेशल : प्रकृति, समृद्धि और अंकों की दिव्यता

22 Oct 2025 08:35:05
- गोवर्धन पूजा का महत्व और परंपरा

Govardhan PujaImage Source:(Internet) 
एबी न्यूज नेटवर्क।
गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja), दिवाली के चौथे दिन मनाई जाती है और इसे ‘अन्नकूट’ या ‘गोवर्धन अन्नकूट’ भी कहा जाता है। यह पर्व भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत के प्रतीकात्मक महत्व को समर्पित है। परंपरा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाकर बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से उन्हें बचाया था। इस दिन किसान, गृहस्थ और सभी भक्त धान, गेहूं, गुड़ और विविध अनाजों से गोवर्धन की मूर्ति बनाकर पूजा करते हैं। अंकशास्त्र के अनुसार, गोवर्धन पूजा का दिन अंक 4 का प्रतीक है, जो स्थिरता, सुरक्षा और संरचना का संकेत देता है। दीपों और अंकों की ऊर्जा मिलकर जीवन में समृद्धि और शांति का मार्ग खोलती है।
 
अंक 4 और गोवर्धन पूजा का गूढ़ संबंध
गोवर्धन पूजा के दिन अंक 4 की ऊर्जा महत्वपूर्ण होती है। अंक 4 स्थिरता, सुरक्षा और व्यवस्था का प्रतीक है। जैसे भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत के माध्यम से अपने भक्तों की रक्षा की, वैसे ही अंक 4 जीवन में सुरक्षा और स्थिरता का मार्ग दिखाता है। अंकशास्त्र के अनुसार, इस दिन पूजा और अनाजों का भोग स्थिरता और समृद्धि की ऊर्जा को बढ़ाता है। दीपक जलाना और प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से पूजा करना केवल परंपरा नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने का माध्यम भी है।
 
दिवाली उत्सव में अंकशास्त्र की भूमिका
दिवाली के पांच दिन अंकशास्त्र की ऊर्जा से जुड़े होते हैं — धनतेरस (1), नरक चतुर्दशी (2), लक्ष्मी पूजन (3), गोवर्धन पूजा (4) और भाईदूज (5)। गोवर्धन पूजा का चौथा दिन अंक 4 का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि स्थिरता और संतुलन के बिना जीवन में समृद्धि अस्थायी होती है। इस दिन घर और पूजा स्थल को स्वच्छ और सजाया जाता है। अंक 4 की ऊर्जा से हमारे घर में सुरक्षा, स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार होता है।
 
गोवर्धन पूजा पर अंकशास्त्र आधारित शुभ उपाय
गोवर्धन पूजा के दिन उत्तर या पूर्व दिशा में दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। अंकशास्त्र के अनुसार, जिनका जन्मांक 4 है, वे हरे या नीले रंग के वस्त्र और दीपक का प्रयोग करें। अनाज, फल और गुड़ का भोग गोवर्धन पर अर्पित करने से घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह पर्व केवल पूजा का अवसर नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति सम्मान और जीवन में स्थिरता बनाए रखने का संदेश भी देता है। अंक 4 की शक्ति और दीपों की रोशनी मिलकर जीवन में शांति, सुरक्षा और खुशहाली सुनिश्चित करती हैं।
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