- त्योहार की रौनक के बीच बढ़ा खतरा
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नागपुर।
दीवाली (Diwali) की जगमगाती रात नागपुर में कई जगहों पर आग की घटनाओं से दहशत में बदल गई। मंगलवार शाम 21 अक्टूबर को 7 बजे से लेकर 22 अक्टूबर की सुबह 2 बजे तक नागपुर फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज विभाग को कुल 17 फायर कॉल्स प्राप्त हुईं। ये घटनाएं मुख्यतः पटाखों की चिंगारियां, बिजली के शॉर्ट सर्किट और लापरवाही से लगी आग के कारण हुईं। शहर के कई इलाकों गड्डीगोदाम, सक्करदरा, लकड़गंज और सिविल लाइन्स से लगातार कॉल्स आती रहीं, जिसके चलते विभाग की टीमें पूरी रात सक्रिय रहीं। पहली कॉल रात 7:05 बजे प्राप्त हुई, जिसके बाद घटनाओं की सिलसिला चलता रहा।
फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई से टली बड़ी दुर्घटना
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, कई कॉल्स को “मध्यम से गंभीर” श्रेणी में रखा गया था, लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई और नागरिकों के सहयोग से आग पर जल्द नियंत्रण पा लिया गया। अधिकांश घटनाओं में आवासीय परिसरों में छोटे स्तर की आग, कचरे में लगी आग, और पटाखों की चिंगारी से वाहनों में आग लगने जैसी घटनाएं शामिल थीं। रात 8 बजे से लेकर 12 बजे तक का समय सबसे व्यस्त रहा, जब दस से अधिक कॉल्स एक के बाद एक दर्ज की गईं। 7287, 9868, 2825 और 4921 नंबर की फायर इंजन लगातार घटनास्थलों पर पहुंचकर राहत कार्यों में जुटी रहीं।
जनजागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे उत्सव के दौरान जिम्मेदारी से जश्न मनाएं। दीपक, सजावटी लाइट्स और पटाखों का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें, विशेषकर भीड़भाड़ वाले आवासीय क्षेत्रों में। “हमारी टीमें पूरी रात ड्यूटी पर रहीं और हर कॉल का तुरंत जवाब दिया। लोगों में जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है,” एक वरिष्ठ फायर कंट्रोल अधिकारी ने कहा। पिछले वर्ष दीवाली पर 13 कॉल्स प्राप्त हुई थी, जबकि इस बार 17 कॉल्स दर्ज की गईं जो आग की घटनाओं में स्पष्ट वृद्धि को दर्शाता है। विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर सावधानी नहीं बरती गई, तो ऐसे हादसे भविष्य में और गंभीर रूप ले सकते हैं।