दिवाली स्पेशल फराळ! स्वाद और संस्कृति एक साथ

18 Oct 2025 09:05:51
 
Diwali Special Faraal
 Image Source:(Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क|
दीपावली का त्योहार महाराष्ट्र में सिर्फ रोशनी और मिठाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि फराळ (Faraal) यानी खास नाश्ते का अपना अलग महत्व है। महाराष्ट्र में हर घर में दीपावली के अवसर पर नाश्ते के लिए विशेष तैयारी होती है। छोटे-छोटे पकौड़े, चिवडा, करंजी, लाडू और नाशपाती जैसी विविध चीज़ें घर की रसोई में तैयार होती हैं। इस अवसर पर पूरे परिवार के सदस्य सुबह जल्दी उठकर फराळ बनाने में जुट जाते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी इस प्रक्रिया का हिस्सा बनते हैं। बाजार भी दीपावली के पहले ही रंग-बिरंगे फराळ और उनके सामग्री पैकिंग से सज जाते हैं। महाराष्ट्र में फराळ केवल स्वाद का आनंद ही नहीं बल्कि परंपरा और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है।
 
पारंपरिक महाराष्ट्रीयन फराळ
महाराष्ट्र में फराळ में पारंपरिक व्यंजनों का बहुत महत्व है। जैसे की मातुकीची लाडू, करंजी, शंकरपाळे, चिवडा और अनारसे। करंजी का खस्ता घोल, नारियल की भरावन और तली हुई कुरकुरे शैलियों से ये नाश्ते खास बन जाते हैं। शंकरपाळे का मीठा और हलवा जैसा स्वाद हर घर की सुबह को मिठास से भर देता है। चिवडा और भुजिया बच्चों और वयस्कों दोनों को पसंद आता है। ये फराळ केवल स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि त्योहार की खुशी और परिवार के साथ बिताए समय की यादें भी ताज़ा करते हैं। महाराष्ट्र की पारंपरिक फराळ में हर व्यंजन की खास तैयारी और समय से बनाई जाने वाली विधि इसे और भी खास बनाती है।
 
आधुनिक ट्विस्ट – स्वास्थ्य और स्वाद का मेल
आजकल कई लोग पारंपरिक फराळ में स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए हल्के और पौष्टिक विकल्प भी अपनाते हैं। जैसे ओट्स या ज्वारी के लाडू, ड्राई फ्रूट्स वाली करंजी, क्विनोआ उपमा और फलों के साथ चिवडा। ये विकल्प न सिर्फ स्वाद में बढ़िया हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त हैं। बच्चों और वयस्कों के लिए ऊर्जा देने वाले ये व्यंजन त्योहार की सुबह को और खास बनाते हैं। इस तरह आधुनिक ट्विस्ट के साथ भी महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान बनी रहती है।
 
बाजार और आसान तैयारी के टिप्स
दीपावली से पहले महाराष्ट्र के बाजार पूरी तरह फराळ की तैयारियों में व्यस्त रहते हैं। पैकेज्ड फराळ, मिश्रण और इंस्टेंट सामग्री आसानी से मिल जाती है। अगर समय कम हो, तो घर पर रात को आटे, घी और भरावन सामग्री तैयार करके रख सकते हैं। यह सुबह के समय फराळ बनाने की प्रक्रिया को आसान बनाता है और परिवार को एक साथ बैठकर त्योहार मनाने का समय देता है। छोटे टिप्स जैसे कि करंजी के घोल को पहले बनाना और लाडू का मिश्रण पहले से तैयार रखना, नाश्ते को और भी आनंदमय बना देता है।
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