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मुंबई:
महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर चल रही राजनीतिक सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Fdanavis) ने 4 अक्टूबर को एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्यभर के ओबीसी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। जानकारी कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने दी। उन्होंने कहा कि बैठक में हैदराबाद गजट से जुड़े सरकारी आदेश (जीआर) पर गंभीर चर्चा होगी। वडेट्टीवार का कहना है कि मुख्यमंत्री की इस पहल का सीधा संबंध ओबीसी समाज की नाराज़गी और उनके लगातार उठ रहे सवालों से है।
हैदराबाद गजट और मराठा समाज का मुद्दा
हाल ही में राज्य सरकार ने मराठा समाज को कुणबी प्रमाणपत्र देने का आदेश जारी किया है। यह आदेश हैदराबाद गजट के आधार पर दिया गया है। जिनके पास कुणबी दर्ज रिकॉर्ड होंगे, उन्हें सरकार की ओर से कुणबी प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। लेकिन इस फैसले का ओबीसी समाज ने कड़ा विरोध किया है। उनका आरोप है कि मराठा समाज को कुणबी प्रमाणपत्र मिलने से ओबीसी आरक्षण खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएगा। ओबीसी नेताओं ने हैदराबाद गजट को मराठा आरक्षण से जोड़ने का पुरजोर विरोध जताया है। इसी पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री ने यह बैठक बुलाई है ताकि ओबीसी समाज की आपत्तियों और मांगों को प्रत्यक्ष सुना जा सके।
विरोध मार्च और ओबीसी उपसमिति का गठन
विजय वडेट्टीवार ने कहा कि 10 अक्टूबर को ओबीसी समाज की ओर से हैदराबाद गजट जीआर के विरोध में बड़ा मार्च निकाला जाएगा। इस मार्च को लेकर उन्होंने साफ किया कि किसी भी परिस्थिति में यह आंदोलन रद्द नहीं होगा। दूसरी ओर, ओबीसी समाज की मांगों पर ध्यान देने के लिए राज्य सरकार ने एक ओबीसी उपसमिति का गठन भी किया है। इस समिति की जिम्मेदारी भाजपा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को सौंपी गई है। समिति ओबीसी समाज के कल्याण और उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करेगी। फिलहाल, ओबीसी समाज की नाराज़गी और मराठा आरक्षण पर सरकार का रुख आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति को और गर्म कर सकता है।