गडचिरोली :
आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए गडचिरोली जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इसी सिलसिले में, कांग्रेस के गडचिरोली-चिमूर लोकसभा प्रभारी बेल्लई नाईक गडचिरोली पहुंचे, जहाँ 24 इच्छुक उम्मीदवारों ने मुलाकात की। इनमें आरमोरी और गडचिरोली से सबसे अधिक दावेदार हैं, जिससे स्पष्ट है कि कांग्रेस को अंतिम उम्मीदवार की घोषणा करते समय कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
लोकसभा में कांग्रेस को मिली सफलता ने विधानसभा चुनाव के लिए कई उम्मीदवारों की उम्मीदें जगा दी हैं। पिछले एक महीने से सभी इच्छुक उम्मीदवारों ने चुनाव की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। आरमोरी और गडचिरोली विधानसभा सीटों पर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है, जबकि अहेरी में केवल दो प्रमुख दावेदार नजर आ रहे हैं। महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन कांग्रेस के भीतर टिकट के लिए जोरदार होड़ मची हुई है।
कांग्रेस के गडचिरोली-चिमूर लोकसभा प्रभारी बेल्लई नाईक की उपस्थिति में सरकारी विश्राम गृह में उम्मीदवारों की मुलाकात आयोजित की गई। गडचिरोली विधानसभा के लिए विश्वजीत कोवासे, मनोहर पोरेटी समेत छह उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की, जबकि आरमोरी के लिए पूर्व विधायक आनंदराव गेडाम, रामदास मसराम, डॉ. आशीष कोरेटी समेत 13 उम्मीदवारों ने दावा किया। अहेरी विधानसभा के लिए हनुमंतू मडावी और पूर्व विधायक पेंटारामा तलांडी ने इंटरव्यू दिया।
तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार के गुटों के बीच सीधी प्रतिस्पर्धा है, जिससे यह देखना दिलचस्प होगा कि टिकट किसे मिलेगा।
नए दावेदारों से पुराने नेताओं की मुश्किले
जिले के राजनीति में आम तौर पर न दिखने वाले उम्मीदवार भी टिकट पाने के लिए जोर लगा रहे हैं, जिससे पुराने नेताओं की स्थिति जटिल हो गई है। इनमें से कुछ सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर मैदान में उतरे हैं, जिनमें डॉ. सोनल कोवे, माधुरी मडावी, डॉ. मेघा सावसागडे, और अन्य शामिल हैं। अब देखना यह है कि कांग्रेस लंबे समय से काम कर रहे नेताओं को मौका देती है या नए दावेदारों को।