- नाग नदी प्रदूषण निवारण परियोजना को मिलेगी गति
नागपुर।
नाग नदी (Nag River) प्रदूषण निवारण परियोजना को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। इस परियोजना के लिए परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में नियुक्त टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स लिमिटेड के साथ गुरुवार को नागपुर मनपा के अधिकारियों द्वारा एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। मनपा आयुक्त एवं प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी और टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स लिमिटेड के सीनियर वॉयस प्रेसिडेंट बीआर पार्थसारथी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
मनपा मुख्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज प्रशासनिक भवन में आयुक्त कक्ष में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर लोक अभियंत्रण विभाग की अधीक्षण अभियंता डॉ. श्वेता बनर्जी, उप मंडल अभियंता राजेश डुफारे, सहायक अभियंता रवि मांगे, तकनीकी सलाहकार मोहम्मद इसराइल, टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स लिमिटेड के एसोसिएट वॉइस प्रेसिडेंट जीएच विरुपाक्ष, उप महाप्रबंधक सुदिल मणि आदि अधिकारी गण उपस्थित थे।
राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय (एनआरसीडी) ने 3 सितंबर को नाग नदी प्रदूषण मुक्त परियोजना को मंजूरी दे दी। इसके बाद, मनपा की ओर से निविदाएं आमंत्रित करके टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स लिमिटेड नामक कंपनी (एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से) को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) के रूप में नियुक्त किया गया था। गुरुवार को मनपा, एनआरसीडी और टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के बीच संयुक्त समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। नागपुर शहर की शान नाग नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए यह 1927 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना है और इस परियोजना के 8 साल में पूरा होने की उम्मीद है। नागपुर मनपा ने इस परियोजना को 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजेक्ट के लिए 60 फीसदी निधी केंद्र सरकार से, 25 फीसदी निधी राज्य सरकार से और 15 फीसदी निधी नागपुर महानगरपालिका से मिलेगा। केंद्र सरकार के बजट में इसके लिए 500 करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया गया है।
नाग नदी प्रदूषण निवारण परियोजना के लिए परियोजना प्रबंधन सलाहकार की नियुक्ति की प्रक्रिया जनवरी 2024 से शुरू हुई। इसके लिए चार नामों का चयन किया गया। इनमें से दो संगठनों ने निविदाएं प्रस्तुत कीं। निविदाओं के गहन मूल्यांकन के बाद एनआरसीडी द्वारा अप्रैल माह में मंजूरी दे दी गई। इसके बाद मनपा द्वारा वित्तीय मूल्यांकन कर टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स लिमिटेड को पीएमसी यानी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट नियुक्त किया गया।
नाग नदी परिशोधन परियोजना एनआरसीडी कंसल्टेंसी, नागपुर महानगरपालिका और टाटा इंजीनियर्स लिमिटेड के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी और एनजेएस इंजीनियर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सीटीआई इंजीनियरिंग इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड, जापान और ईपीटीआईएसए स्पेन, मुंबई की मेसर्स टीसीई लिमिटेड को एक संयुक्त उद्यम के रूप में नियुक्त किया गया है।