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यवतमाल :
यवतमाल जिले की 13 तहसीलों में जमकर बारिश होने से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यह इस साल की सबसे भारी बारिश है इस बारिश के कारण पैनगंगा, वर्धा, अडाण, वाघाडी, बेंबला जैसी प्रमुख नदियां उफान पर बहने लगी है। पैनगंगा नदी के पुल के ऊपर से पानी बहने के कारण हाईवे बंद कर दिया गया है। इससे विदर्भ मराठवाड़ा का यातायात ठप हो गया है। ऐसे में जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नदी में बाढ़ आने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया है। इस दौरान खेतों से होकर बहने वाले नाले भी खतरे के स्तर पर पहुंच गए हैं।
बाढ के कारण देऊरवाडी लाड में एक किसान बैलगाड़ी सहित वह गया. जबकि पुसद तहसील के बोरगाड़ी कोपरा स्थित खेत में फंसे किसान को आपदा प्रबंधन की टीम ने सुरक्षित गांव पहुंचाया है। जिले की 16 तहसीलों में 24 24 घंटे में 83 मिमी बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा 129 मिमी बारिश वणी तहसील में हुई। भारी बारिश के कारण बैवला परियोजना के छह गेट खोले गए हैं, जबकि नदी किनारे के गांवों में रहने वालों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। चामुलगांव, कलंय, महागांव और उमरखेड़ तहसील में 100 मिमी बारिश दर्ज की गई। जिला प्रशासन ने अगले 24 घंटे के लिए हाई अलर्ट जारी किया।
144 घर ढह गए
पिछले 24 घंटे के भीतर जिले के 110 मंडलों में से 53 में भारी बारिश हुई। यहां पर 65 से 129 मिमी बारिश दर्ज की गई। केलापुर और पुसद तहसील के 62 परिवारों को उनके घरों में बाढ़ का पानी घुसने के कारण सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. जिले में इस बारिश के कारण 144 मकान ढह गए, इसमें आणी तहसील में 6, बाभुलगांव में 30, केलापुर में 22, झारी में 2, घाटंजी में 46, रालेगांव में 33, मारेगांव में 3 और वणी तहसील में 4 इमारत ढह गई।