बुलढाणा :
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता रविकांत तुपकर को स्वाभिमानी शेतकारी संगठन से निष्कासित कर दिया गया है. आज मीडिया से बात करते हुए स्वाभिमानी क्षेत्रीय अध्यक्ष जलिंदर पाटिल ने घोषणा की कि रविकांत तुपकर का अब स्वाभिमानी किसान संघ से कोई संबंध नहीं है. जालिंदर पाटिल ने बताया है कि यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि रविकांत तुपकर अक्सर पार्टी विरोधी रुख अपनाते थे.
रविकांत तुपकर के खिलाफ कार्रवाई के बारे में बात करते हुए जलिंदर पाटिल ने कहा, 'रविकांत तुपकर ने कुछ राजनीतिक बैठकें आयोजित की हैं। हालांकि, संगठन को इसकी कोई जानकारी नहीं है. रविकांत तुपकर ने पिछले चार वर्षों में एक भी गन्ना सम्मेलन में भाग नहीं लिया है. वह संगठन की कार्यकारिणी समिति की किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने स्वाभिमानी शेतकर संगठन के किसी भी आंदोलन में भाग नहीं लिया है. हमने अब तक चार साल तक इंतजार किया है. लेकिन अब हम इंतजार नहीं कर सकते. आज से, रविकांत तुपकर का स्वाभिमानी शेतकारी संघ से कोई लेना-देना नहीं है.”
इस बीच रविकांत तुपकर ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मेरा गुनाह क्या था, मुझे इतनी बड़ी सजा दी गई. रविकांत तुपकर ने फेसबुक पर कहा “संक्रमण का संकेत जानता है, जून बारिश और सूरज जानता हैं. आपके अगले कदम को जानता हूं, मैं आपके अंदर और बाहर को जानता हूं.”
रविकांत तुपकर ने क्या कहा?
तुपकर ने कहा“मुझे अभी तक उनसे कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है. हालांकि, दुःख एक ही चीज़ के बारे में है. हमने डटकर मुकाबला किया. गृहस्थों के ऊपर तुलसीपत्र रखा गया. लाठियाँ खायीं, जेल गये. मेरे बच्चों और माता-पिता से दूरी बना दी. लेकिन हमने संगठन का नाम महाराष्ट्र के घर-घर तक पहुंचाया. हम एक साल छह महीने तक घर से दूर रहे. लेकिन मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इसका फल राजू शेट्टी को भुगतना पड़ेगा. मेरा अपराध क्या था? उन्होंने मुझे इतनी बड़ी सज़ा दी.