बहुमत घटने से बीजेपी विधायकों में 'खलबली!' विधानसभा चुनाव में कई विधायकों का कटेगा पत्ता

    15-Jun-2024
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bjp mlas are in a state of panic due to reduction in majority
 (Image Source : Internet/ Representative)
 
गडचिरोली :
लोकसभा के नतीजे आने के बाद जिले के राजनीतिक दलों में विधानसभा को लेकर घमासान शुरू हो गया है। लोकसभा में भाजपा उम्मीदवार अशोक नेते को कांग्रेस के डॉ. नामदेव किरसन ने 1 लाख 41 हजार 696 वोटों से हरा दिया। सभी छह विधानसभाओं में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला। सूत्रों ने जानकारी दी है कि इससे बीजेपी में बेचैनी है और कुछ नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं। इसलिए विधानसभा चुनाव में एक अलग समीकरण देखने को मिल सकता है।

भाजपा नेता आत्मचिंतन में जुटे
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को राज्य में भारी बहुमत मिला है। इसमें विदर्भ का गडचिरोली-चिमूर क्षेत्र भी शामिल है। दो बार सांसद रहे भाजपा के अशोक नेते को कांग्रेस के नामदेव किरसन ने बड़े अंतर से हराया। इस जीत से कहा जा रहा है कि जिले में कांग्रेस पार्टी को पुनर्जीवन मिला है। मतगणना में गडचिरोली की तीनों विधानसभाओं में भाजपा पिछड़ गई। ऐसे में मोदी लहर पर सवार भाजपा नेताओं के लिए आत्मचिंतन का समय आ गया है।
 
महायुति सीटों पर मविआ को बढ़त
अगले चार महीनों में राजनीतिक दलों को विधानसभा चुनाव का सामना करना है। इसलिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग शुरू हो गई है। फिलहाल आरमोरी, गढ़चिरौली विधानसभा पर बीजेपी का कब्जा है। इस क्षेत्र में कांग्रेस को क्रमश: 33 हजार 421 और 22 हजार 997 वोटों की बढ़त है। अहेरी विधानसभा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नियंत्रण में है। यहां भी कांग्रेस के पास 12 हजार 152 वोटों का बहुमत है। जिले में भाजपा के दो नेता, जो क्षेत्र में अधिकांश वोट उनके खिलाफ जाने से नाराज हैं। ऐसे में ये नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं और संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव से पहले भाजपा को बाय-बाय कर देंगे। वही, कांग्रेस में आए 'अच्छे दिन' को देखकर लग रहा है कि पार्टी के अंदर प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है।
 
खतरे में मौजूदा विधायकों की सीट?
जिले की दो विधानसभाओं पर बीजेपी का कब्जा है। एक सीट पर एनसीपी का दबदबा है। आरमोरी विधानसभा में जहां कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं, वहां दो बार के बीजेपी विधायक कृष्णा गजबे की सीट खतरे में है। तो गडचिरोली में देवराव होली को पार्टी से ‘ठेंगा' मिल सकता है। मालूम हो कि भाजपा इन दोनों का विकल्प तलाशने में जुट गई है। कांग्रेस भी दोनों सीटों पर मजबूत रणनीति बना रही है। कांग्रेस की ओर से आरमोरी में आनंदराव गेडाम और गडचिरोली में विश्वजीत कोवासे का नाम आगे चल रहा है। मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम एक बार फिर अहेरी विधानसभा से मैदान में उतरेंगे, जहां अत्राम राजपरिवार का दबदबा है। जिससे भाजपा के अंबरीशराव आत्राम की सीट खतरे में है। चर्चा है कि सेवानिवृत्त वन अधिकारी हनमंतु मडावी को कांग्रेस इस साल मौका देगी। इसलिए इस बार सबसे ज्यादा उठापठक इसी विधानसभा में देखने को मिल सकता है।