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रायपुर :
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हुई हिंसा के बाद उसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने पुलिस एसआईटी का गठन किया है | इसमें तीन डीएसपी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में 21 सदस्यीय पुलिस एसआईटी की टीम 10 जून को बलौदाबाजार में हुई हिंसा की जांच करेगी।
हिंसा के एक दिन बाद सरकार ने मंगलवार देर रात को कलेक्टर कुमार लाल और एसपी सदानंद को पद से हटा दिया है। अब दीपक सोनी को कलेक्टर और विजय अग्रवाल को नया एसपी बनाया गया है। वहीं, इससे पहले पुलिस ने 83 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही अलग-अलग आठ एफआइआर दर्ज की हैं। इसमें 40-50 नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। लगभग 60 को हिरासत में लिया है। जिनके वाहन जलाए गए हैं उनमें से 60 से अधिक लोगों ने भी शिकायत की है।
घटना को अंजाम देने के लिए हिंसा की रणनीति 15 दिन पहले तैयार की गई थी। इसके लिए इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल हो रहा था। पुलिस के इंतजामों पर सवाल उठ रहे हैं। भीड़ को संभालने के लिए केवल 450 का पुलिस बल लगाया गया था। पुलिस ने हिंसा के बाद प्रदेशभर के लिए अलर्ट जारी करते हुए इंटरनेट मीडिया की निगरानी बढ़ा दी है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में सुबह से लेकर रात तक मैराथन बैठकों का दौर चला। घटनाक्रम के बाद स्थिति का जायजा लेने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पल-पल की रिपोर्ट ली। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। साथ ही सतनामी समाज के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।