लोहा कारोबारी को लगाया 87 लाख का चूना

    10-Jun-2024
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- शेयर ट्रेडिंग में लाभ दिलाने का लालच देकर की ठगी

iron trader duped of 87 lakh rupees
 ( Image Source : Internet /Representative )
 
नागपुर।
शेयर ट्रेडिंग और निवेश पर भारी मुनाफे का लालच देकर शिकार बनाए जाने वाले कई तरह के लोग होते हैं। लोग कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में पड़कर लाखों रुपए गंवा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला साइबर थाने में दर्ज किया गया है। शेयर ट्रेडिंग में 10 गुना रिटर्न देने का लालच देकर साइबर अपराधियों ने लौह अयस्क व्यवसायी से 87 लाख रुपए हड़प लिए। इस मामले में सूर्य नगर निवासी मनीष प्रदीप मिश्रा (41) की शिकायत पर पुलिस ने जसलीन प्रसाद व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।
 
मनीष लकड़गंज के छोटी फैक्ट्री इलाके में श्रीदत्त स्टील ट्रेडर्स के नाम से लोहे का कारोबार चलाता है। 5 मई को उनकी फेसबुक आईडी पर जसलीन प्रसाद नाम की महिला ने फ्रेंडशिप मैसेज भेजा। रिक्वेस्ट स्वीकार करने के कुछ देर बाद जसलीन ने उन्हें फेसबुक मैसेंजर पर अच्छे निवेश प्लान के बारे में जानकारी दी। इन योजनाओं में निवेश करने पर तीन दिनों के भीतर तीन गुना रिटर्न का वादा किया जाता है। वह लोगों को भारी मुनाफा कमाने के लिए फेसबुक पर पोस्ट कर रही थी। इससे मनीष आश्वस्त हो गए और उन्होंने भी निवेश की इच्छा जताई। आरोपी ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज वी से संबंधित लिंक भेजा और कस्टम सर्विस विकल्प पर जाकर बैंक खाता लिंक करने को कहा। मनीष ने उस खाते में 50 हजार रुपए जमा कर दिए।
 
इसके बाद आरोपी टेलीग्राम आईडी के माध्यम से प्रोग्रामर से जुड़ा और उसे निर्देशों के अनुसार काम करने के लिए कहा। 10 मिनट बाद उनके खाते में 1.42 लाख रुपए जमा हो गए। यह रकम उसने अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। 5 दिन बाद उन्हें 10 गुना रिटर्न का लालच देकर 30 लाख रुपये निवेश करने को कहा गया। मनीष ने पैसों का इंतजाम किया और आरोपियों के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए। प्रोग्रामर के सत्र में भी भाग लिया।
 
हालांकि, बताया गया कि गाइडलाइन का पालन नहीं करने की बात कह कर रकम हड़प ली गई। फिर उनसे 57 लाख रुपए निवेश करने को कहा गया। 15 गुना रिफंड का लालच दिया और नुकसान होने पर 10 गुना मुआवजा देने का वादा किया। 57 लाख जमा करने के कुछ देर बाद कहा गया कि उनके खाते में 8 करोड़ रुपए जमा हो गए हैं। लेकिन जब उन्होंने पैसे निकालने की इजाजत मांगी तो सिक्योरिटी कोड जनरेट करने के लिए उनसे दोबारा 82 लाख रुपये मांगे गए। मनीष को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा किया जा रहा है। उन्होंने मामले की सूचना साइबर पुलिस को दी। पुलिस ने धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।