मेधा कुलकर्णी का बयान संवैधानिक बदलाव की चर्चा को बढ़ावा : अमोल मिटकरी

    01-Jun-2024
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medha kulkarnis statement promotes discussion on constitutional change amol mitkari
(Image Source : Internet/ Representative) 
अकोला :
सांसद मेधा कुलकर्णी के बयान पर विधायक अमोल मिटकरी ने कड़ा संज्ञान लिया है। एक कार्यक्रम में सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा था कि वह कभी भी मिटकरी के मंच पर नहीं जाएंगी। इस पर अमोल मिटकरी ने कहा कि मेधा कुलकर्णी को यह जानकारी गलत है। इसके उलट अमोल मिटकरी ने कहा कि मेधा कुलकर्णी का ब्राह्मण समुदाय को लेकर दिया गया बयान संवैधानिक बदलाव की चर्चा की आधिकारिक पुष्टि करता है। मिटकरी ने स्पष्ट किया कि लोकसभा के दौरान बारामती में एक कार्यक्रम में मेधा कुलकर्णी मंच पर इसलिए नहीं गयी की वह मै (मिटकरी) मौजूद था। मिटकरी ने यह भी कहा कि इस संबंध में झूठ बोलने वाली सांसद मेधा कुलकर्णी को ब्राह्मण समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।
 
अमोल मिटकरी ने मेधा कुलकर्णी को क्या जवाब दिया?
 
मिटकरी ने आगे कहा की, "लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही भारतीय संविधान के ढांचे के अंतर्गत आते हैं। जब कोई व्यक्ति इन दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बन जाता है तो उसे शपथ दिलाई जाती है। वह शपथ महत्वपूर्ण है। यह शपथ लेने के बाद संबंधित व्यक्ति किसी एक समुदाय का नहीं बल्कि पूरे देश का हो जाता है। लेकिन यह शपथ लेने के बाद भी अगर कोई समाज के खिलाफ काम करता है तो यह भारतीय संविधान की विचारधारा का उल्लंघन करने जैसा है। ऐसा ही कुछ सांगली में राज्यसभा सांसद ( मेधा कुलकर्णी) ने किया।
 
मेधा कुलकर्णी वो बयान जिसपर भड़के मिटकरी
अपने भाषण में राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने बारामती का एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि मैं अमोल मिटकरी के साथ मंच साझा नहीं करुँगी। बारामती अभियान के दौरान, योग योग द्वारा एक युवा बैठक थी। उस बैठक में सूरज चव्हाण भी मौजूद थे। वह और मैं एक कार में गए थे। उस समय, ये माननीय सदस्य थे मैं पहले से ही मंच पर बैठी थी। जब मुझे आयोजकों से पता चला तो मैंने कहा कि, मैं ऐसे लोगों के साथ मंच पर नहीं बैठना चाहती जो खुद को एक समाज का मानते हैं, इसलिए मैं वह से चली गई।