पद्मश्री पुरस्कार लेने दिल्ली जाएंगे अनाथों के नाथ डॉ. शंकरबाबा पापलकर

    07-May-2024
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dr shankarbaba papalkar father of orphans will go to delhi to receive padmashree award
 
परतवाड़ा।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी (पब्लिक) देबोब्रतो बसु ने शंकर बाबा पापलकर को पत्र लिखकर सूचित किया है कि उन्हें 9 मई 2024 को शाम 6.30 बजे भारत सरकार की ओर से पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति के शुभ हाथों से दरबार हॉल राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। साथ ही उनके आवास एवं भोजन की व्यवस्था होटल द अशोक डिप्लोमैटिक एन्क्लेव नई दिल्ली में की गयी है। साथ ही उनके साथ दो लोगों को पास दिया जा रहा है।
 
भारत सरकार की ओर से 8, 9 और 10 मई तीन दिन की व्यवस्था की गई है। 8 मई को सुबह 10 बजे होटल द अशोक में अधिकारी व्यवस्थाओं की जांच करेंगे। आमंत्रित मान्यवरों से आधार कार्ड, फोटो और निमंत्रण कार्ड लाने का आवाहन किया गया है। अनाथ बच्चों के पिता और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. शंकर बाबा पापलकर को 9 मई को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 8 मई को सुबह 9.30 बजे शंकर बाबा अपने साथ गोधारी, शंकर बाबा की मानस पुत्री (दोनों आंखों से अंधी) और योगेश, शंकर बाबा के मानस पुत्र (बहुविकलांग, अनाथ बालक) के साथ नागपुर से इंडिगो फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। शंकरबाबा स्व अंबादास पंत वैद्य दिव्यांग लावारिस बालगृह वझ्झर में बाल गृह में विकलांग, बहरे और अंधे बच्चों को आश्रय देते हैं और उनका पुनर्वास करते हैं। उनकी अतुलनीय कार्य के कारण उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। 9 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनका सत्कार करेंगी।
 
विकलांग बच्चों की सहायता करने वाले भारत के एकमात्र रोल मॉडल
 
भारत सरकार ने शंकर बाबा को निमंत्रण पत्र के साथ दो लोगों को लाने की अनुमति भी दे दी है। आम तौर पर जब किसी व्यक्ति को इस तरह कोई पुरस्कार मिलता है तो वह अपने परिवार के सदस्यों को भी अपने साथ ले जाता है लेकिन शंकर बाबा ने एक नया आदर्श स्थापित किया है। वे पुरस्कार लेने के लिए अनाथालय के दो विकलांग बच्चों को अपने साथ ले जा रहे हैं।