- अब तक दिया जा रहा था कि एक प्रतिशत
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नागपुर :
स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर के दस्तक देते ही विरोध भी आरंभ हो गया है. कहा जा रहा है कि इसकी वजह से महावितरण को और 16 हजार करोड़ रु. का कर्ज लेना होगा जिसका भार आम ग्राहकों पर ही आएगा। उधर महावितरण ने दावा किया कि प्रीपेड ग्राहकों को दो फीसदी का प्रॉम्प्ट पेमेंट डिस्काउंट (तत्परता से बिल भुगतान पर छूट) मिलेगा जो फिलहाल एक फीसदी ही है।
उल्लेखनीय है कि नागपुर एवं वर्धा जिले में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की पहल आरंभ हो चुकी है। सबसे पहले बिजली कर्मियों की कॉलोनियों में ही स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस महीने के अंत तक आम ग्राहकों के घरों में यह मीटर लगने आरंभ हो जाएंगे। इस बीच महावितरण ने स्मार्ट मीटर के फायदे गिनाते हुए कहा कि प्रीपेड का पर्याय चुनने वाले ग्राहकों को दो फीसदी का प्रॉम्प्ट पेमेंट डिस्काउंट मिलेगा।
फिलहाल ग्राहकों को समय पर बिल भरने पर एक फीसदी का प्रॉम्प्ट पेमेंट डिस्काउंट मिलता है। इससे बिल राशि का एक फीसदी माफ हो जाता है। पहले यह पांच फीसदी मिला करता था।
प्रीपेड मीटर से मिलेगी ब्याज से मुक्ति
ग्राहकों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने से बकाया राशि पर लगने वाले ब्याज से भी मुक्ति मिल जाएगी। चूंकि प्रीमेड कनेक्शन लेने वालों को अग्रिम राशि भरनी होगी इसलिए बकाया का सवाल ही नहीं खड़ा होता। ब्याज तो दूर की बात है। पहले महीने के बकाया पर 1.25 फीसदी का ब्याज वसूला जाता है। 60 से 90 दिनों के बकाया पर 12 फीसदी एवं उससे अधिक समय के बकाया पर 15 फीसदी का ब्याज वसूला जाता है।
प्रतिशत पता नहीं
महावितरण के बिजली शुल्क के चार प्रमुख घटक है। एनर्जी चार्ज, एफएसी, बिलिंग चार्ज और फिक्स्ड चार्ज। अब तक तय नहीं हो सका है कि प्रॉम्प्ट पेमेंट डिस्काउंट केवल एनर्जी शुल्क पर ही मिलेगा अथवा चारों पर. महावितरण की दर वृद्धि याचिका को मंजूरी देते हुए उसे पांच से एक फीसदी कर दिया। अब इसे बढ़ाकर दो फीसदी किया जा रहा है।