- 15 जून तक विविध मामलों को होगा विश्लेषण
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नागपुर।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटी) ने गर्मी की छुट्टियों के दौरान पीक सीज़न में कर्मचारियों की कमी से बचने के लिए एक नई तरकीब निकाली है। इसके अनुसार, कर्मचारियों के गंभीर मामलों को छोड़कर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 15 जून तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
राज्य में आम यात्रियों के लिए सार्वजनिक यात्रा का मुख्य साधन रहे एसटी कॉर्पोरेशन में लगभग 80 हजार कर्मचारी हैं और लगभग 800 अधिकारी हैं। वर्तमान में एसटी महामंडल ने ड्राइवरों और वाहकों को राजस्व उत्पन्न करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस समय राज्य में गर्मी की छुटियों के दौरान पीक सीज़न चल रहा है और सभी क्षेत्रों में एसटी बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। बच्चों की स्कूल की छुट्टियों, शादियों और अन्य कार्यक्रमों के बीच यातायात में यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
पीक सीजन में भी, कुछ एसटी निगम कार्यालय अनुशासनात्मक और आवेदन प्रक्रियाओं के तहत मामूली आधार पर एसटी कर्मचारियों को निलंबित कर देते हैं या अन्य कार्रवाई करते हैं। विविध समस्याओं के चलते कई कर्मचारी पीक सीजन के दौरान उपलब्ध नहीं है। इससे स्टाफ की कमी हो रही है। इस कमी से बचने के लिए एसटी महामंडल ने सभी एसटी के कार्यालय प्रमुखों को स्पष्ट आदेश दिया है कि कर्मचारियों के गंभीर मामलों को छोड़कर अन्य मामलों में प्रथम अपील 15 जून तक घटक-विभाग के माध्यम से न किया जाए। विविध मामलों में फंसे कर्मचारियों को डेढ़ माह की राहत मिल गई है।
एसटी कॉर्पोरेशन उपमहाप्रबंधक श्रीकांत गभाने ने इस बारे में बताते हुए कहा, गंभीर मामलों में एसटी महामंडल हमेशा दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई करता है। हालांकि, महामंडल कम गंभीर मामलों में कोई कार्रवाई नहीं करेगा, ताकि पीक सीजन के दौरान कर्मचारियों की कमी के कारण यात्रियों को परेशानी न हो। लेकिन इन मामलों पर कार्रवाई 15 जून के बाद की जाएगी।