- काटोल के सावल निवास में संतों का किया गया स्वागत
काटोल।
काटोल शहर प्राचीन कालीन कुंतलापूर नगरी से ऋषी मुनी, कुंतल का राजा, ऋषीधरी ऋषि के धाम से सुप्रसिद्ध थी। प्राचीन कालीन सरस्वती मंदिर, प्राचीन कालीन चंडिका मंदिर, ऋषीधरी, आज भी इस बात का साक्ष दे रहे हैं। काटोल शहर ऋषियों की पावन भूमी हमेशा से रही है, इस आशय के विचार बद्रीनाथ पिठ के जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने व्यक्त किए। धंतोली काटोल के पुष्पा देवी सावल निवास में जगद्गुरु शंकराचार्य का स्वागत पूजा पाठ सत्कार कर मनीष सावल ने किया।
इस अवसर पर वे श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ संत जितेंद्रनाथ भी उपस्थित थे। सावल निवास में संतों का आगमन होते ही फूलों की वर्षा की गई। पुष्पा देवी सावल, पंकज सावल, पूजा सावल, मनीष सावल, मनी सावल, मोहन सावल, रमेश सावल, मनिषा सावल, अनुप पटेल, हेमाली पटेल, ने जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज के चरण जल से धोकर, पूजा पाठ की और पुष्प माला से उनका स्वागत किया। नरेश अग्रवाल, नमिता अग्रवाल, सोनू गुप्ता, गौरव चांडक, संजय काले एवं अन्य शहरवासी इस अवसर पर उपस्थित थे।