-जाति वैधता प्रमाणपत्र रद्द करने के फैसले पर हाई कोर्ट ने लगा दी रोक
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नागपुर।
जिला जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति ने जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता रश्मी बर्वे का जाति वैधता प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है। इसके चलते रामटेक लोकसभा चुनाव के लिए उनका आवेदन रद्द कर दिया गया। इसके खिलाफ बर्वे ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अपील की। गुरुवार सुबह हाई कोर्ट ने रश्मि बर्वे को राहत दी और जाति वैधता समिति के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी। लेकिन अदालत ने चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया क्योंकि यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जस्टिस अविनाश घरोटे और जस्टिस मुकुलिका जवलकर की बेंच ने गुरुवार को इस मामले में अंतरिम आदेश पारित किया। कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस भी जारी किया और 24 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
याचिका के अनुसार, रश्मि बर्वे के जाति प्रमाण पत्र का एक मुद्दा हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्वारा तय किया गया था। पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने इनकी जांच के लिए नया आदेश जारी किया था। साथ ही पिछले हफ्ते जिला जाति पंजीयन समिति ने भी बर्वे को नोटिस जारी किया था। कमेटी ने उन्हें महज 24 घंटे में अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया। यह प्राकृतिक न्याय के नियमों के विरुद्ध है। इतना ही नहीं, समिति ने उनका जाति वैधता प्रमाणपत्र भी तत्काल रद्द कर दिया। रश्मि बर्वे ने अपने वकील समीर सोनावणे के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि यह सारी प्रक्रिया राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है और यह गैरकानूनी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पिछले हफ्ते इस पर तत्काल सुनवाई की कोशिश की गई थी। अदालत ने यह कहते हुए तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया कि मामले की सुनवाई की कोई जल्दी नहीं है।