पूर्व नागपुर में भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी सीधी टक्कर

    14-Apr-2024
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- निर्णायक साबित हो सकता है प्रवासी समुदायों का वोट

Direct contest between BJP and Congress in East Nagpur 
 
नागपुर।
पूर्व नागपुर निर्वाचन क्षेत्र में प्रवासी समुदायों के वोट निर्णायक साबित हो सकता है। पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह क्षेत्र भाजपा के पास रहा। इसलिए अब भाजपा वोट शेयर के लिए इस निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है और कांग्रेस यहां मध्यम वर्ग ओबीसी समुदाय पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
 
शहर के अन्य पांच विधानसभा क्षेत्रों की तरह इस क्षेत्र में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच यहां भी सीधा मुकाबला होने वाला है। पूर्व नागपुर विधानसभा क्षेत्र में साढ़े तीन लाख से ज्यादा वोटर हैं। यहां अन्य राज्यों मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। इसके अलावा यहां एक बड़ा व्यापारिक समुदाय भी है। ओबीसी मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। अनुसूचित जाति के लोग 18 प्रतिशत से अधिक हैं। अनूसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या 9 प्रतिशत से अधिक है और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी 9 प्रतिशत से अधिक है।
 
पिछले कुछ चुनावों से यह सीट बीजेपी का गढ़ बन चुकी है। 2019 लोकसभा में कांग्रेस को 60,071 (29 फीसदी) और बीजेपी को 1,35,451 (65.5 फीसदी) वोट मिले थे। यहां बीएसपी को 3,981 वोट (1.9 फीसदी) और वंचित बहुजन आघाड़ी को 3,594 वोट (1.71 फीसदी) मिले। छह महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 79,975 वोट (40.3 फीसदी) और बीजेपी को 1,03,992 वोट (52.41 फीसदी) मिले। बसपा को 5,284 वोट मिले। विधानसभा में कांग्रेस के वोट प्रतिशत में मामूली बढ़ोतरी हुई। हालांकि यह बहुत कम था। ये अब कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसके अलावा कांग्रेस ने विधायक अभिजीत वंजारी को इस क्षेत्र में ध्यान देने का सुझाव दिया था। वंजारी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। बीजेपी विधायक कृष्णा खोपड़े विविध कार्यक्रमों के जरिए जनसंपर्क बनाए हुए हैं। गडकरी ने इनमें से प्रत्येक कार्यक्रम में भाग लिया। इसलिए, यह निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस के लिए एक चुनौतीपूर्ण परीक्षा साबित होने की संभावना है। लेकिन कांग्रेस ओबीसी के मुद्दे उठाकर वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश में जुट गई है। इस चुनावी क्षेत्र में कांग्रेस ओबीसी, मध्यम वर्ग के साथ-साथ जीएसटी की मार झेल रहे व्यापारियों को भी अपने करीब लाने की कोशिश कर रही है।
 
वोट प्रतिशत में आया मामूली बदलाव
पूर्व नागपुर में 2019 लोकसभा की तुलना में विधानसभा में कांग्रेस के वोट प्रतिशत में मामूली बढ़ोतरी हुई है। लोकसभा में उसे सिर्फ 29 फीसदी वोट मिले। लेकिन छह महीने बाद विधानसभा में उसे 40.3 फीसदी वोट मिले। 2019 में कांग्रेस को 60,071 और बीजेपी को 1,35,451 वोट मिले। बसपा को 3,981 और वंचित बहुजन आघाड़ी को 3,594 वोट मिले। 2019 विधानसभा में कांग्रेस को 79,975 वोट और बीजेपी को 1,03992 वोट मिले। वहीं बसपा को 5284 वोट मिले।