-27 मार्च तक आवेदन भर सकते हैं लाभार्थी
नागपुर।
अन्य पिछड़ा वर्ग, सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जाति एवं घुमंतू जनजाति विशेष पिछड़ा वर्ग की योजनाओं की तर्ज पर कल्याण विभाग के सरकारी निर्णय के अनुसार धनगर समुदाय के विद्यार्थियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वयं योजना शुरू की गई है। अनुसूचित जनजातियों के विद्यार्थियों के लिए आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित इस स्कीम का लाभ उठाने का आवाहन आवेदकों से किया जा रहा है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वयं योजना के लिए आवेदन 27 मार्च तक आमंत्रित किए गए हैं। सहायक आयुक्त समाज कल्याण सुकेशिनी तेलगोटे ने धनगर समुदाय के छात्रों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की है।
यह योजना उन छात्रों के लिए है जिन्हें 12वीं कक्षा की परीक्षा के बाद मान्यता प्राप्त तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों वाले कॉलेजों में केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है। सामाजिक न्याय विभाग, जनजातीय विकास विभाग की पहल पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वयं योजना लागू की गई है। जो छात्र इस योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें 15 मार्च तक सहायक आयुक्त, समाज कल्याण, सामाजिक न्याय भवन बी विंग सरकारी व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान, दीक्षाभूमि रोड, श्रद्धानंद पेठ, नागपुर के समक्ष आवेदन पत्र जमा करना होगा। अधिक जानकारी के लिए सहायक आयुक्त, समाज कल्याण कार्यालय, नागपुर से संपर्क किया जा सकता है।
पात्रता मापदंड
आवेदक छात्र धनगर समुदाय से होना चाहिए। आवेदन के साथ जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य होगा। छात्र के माता-पिता की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। विद्यार्थी के लिए अपना आधार नंबर अपने राष्ट्रीयकृत बैंक खाते से लिंक कराना अनिवार्य है। छात्र उस शहर का निवासी नहीं होना चाहिए जहां शैक्षणिक संस्थान स्थित है। छात्रों को 12वीं कक्षा की परीक्षा के बाद उच्च शिक्षा पूर्ण करना अनिवार्य है। न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त होने चाहिए। केंद्र सरकार पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए निर्धारित पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने वाले छात्रों को इस योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। योजना का लाभ दो वर्ष से कम अवधि के पाठ्यक्रमों के लिए स्वीकार्य नहीं होगा। छात्रों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, मेडिकल काउंसिल, फार्मेसी काउंसिल, आर्किटेक्चर काउंसिल, राज्य सरकार या इसी तरह के निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेज, संस्थान में मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाना चाहिए। योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित छात्रों को 12वीं के बाद केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से किसी मान्यता प्राप्त तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम कॉलेज में प्रवेश लेना होगा।